राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में दहेज लोभियों ने घिनौनी हरकत की है। ससुराल वालों ने बहू को चिमटे से दाग दिया और महिला के देवर ने उसके पेट पर मार दिया, जिसके कारण उसका गर्भपात हो गया।
हनुमानगढ़ जिले में दहेज के लिए बहू को पहले चिमटी से दागा, फिर उस पर चाकू से देवर ने हमला किया। किसी तरह उसने अपनी और छह साल की बच्ची की जान बचाई। प्रेग्नेंट बहू के पेट पर देवर ने ऐसी लात मारी कि उसका बच्चा पेट में ही मर गया और उसका गर्भपात हो गया। ससुराल वालों की डिमांड पूरी करते-करते विवाहिता के पिता कर्ज में डूब गए। फिर भी पांच लाख रुपये देकर डिमांड पूरी की। आखिरकार कर्ज नहीं चुका पाए तो उन्होंने सुसाइड कर लिया। ससुराल वालों की डिमांड रुकी नहीं, अब कार की मांग की जा रही है। नहीं देने पर मासूम बेटी के साथ बहू को घर से निकाल दिया।
हनुमानगढ़ के वार्ड नंबर-35 की रहने वाली समरीन (33) ने बताया, 16 अगस्त 2014 को उसका निकाह यूसुफ खान पुत्र यूनुस खान निवासी वार्ड नंबर-29 सरदारशहर (चूरू) के साथ हुआ था। पिता ने अपनी हैसियत से ज्यादा सामान दिया था। शादी के दूसरे दिन से ही ससुराल वाले कम दहेज लाने के ताने मारने लगे और मारपीट करने लगे। ससुराल वाले पीहर से पांच लाख रुपये और गाड़ी लाने के लिए कहते थे। ये बात महिला ने अपने पिता को बताई। शादी के 10 दिन बाद ही पिता ने कर्ज लेकर ससुराल वालों की पांच लाख रुपये की डिमांड पूरी की। पांच लाख रुपये देने के बाद ससुराल वाले कार की डिमांड करने लगे। पिता कर्ज के पांच लाख रुपये नहीं लौटा पाए तो कर्जदारों ने परेशान करना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर 21 सितंबर 2014 को उन्होंने सुसाइड कर लिया था
समरीन ने बताया, पिता की मौत के बाद भी ससुराल वालों ने परेशान करना नहीं छोड़ा। कुछ दिन बाद मेरे पति यूसुफ खान ने विदेश जाने की बात कही और पीहर से 80 हजार रुपये लाकर देने को कहा। तब उसकी मां और भाई ने 80 हजार रुपये दे दिए। 18 फरवरी 2016 को पति विदेश चला गया। इसके बाद उसके सास-ससुर कार के लिए पीहर से रुपये लाने की कहने लगे। इस दौरान मैं प्रेग्नेंट हुई तो उसे डिलीवरी के लिए पीहर भेज दिया। 19 अक्टूबर 2016 को एक बेटी को जन्म दिया। बेटी अबीर को लेकर जब मैं ससुराल गई तो कार की डिमांड करते हुए फिर मेरे साथ मारपीट की गई। करीब ढाई साल बाद पति विदेश से आया। उसने भी कार की डिमांड की और मुझे पीटा। कार की डिमांड को लेकर उसके ससुराल वाले आए दिन मेरे साथ मारपीट करते थे। इसकी जानकारी मैं अपने पीहर वालों को देती थी। मामला शांत रखने के लिए पीहर वाले मुझे अपने साथ ले जाते थे। समाज के पंचों के सामने ससुराल पक्ष के लोगों से बात होती तो वह माफी मांगकर मुझे फिर साथ ले जाते। कुछ दिन सही रहने के बाद भी परेशान करने लगते हैं।
5 मई 2022 को मेरा पति फिर विदेश चला गया। इसके बाद 24 जून 2022 को उसके सास-ससुर ने मारपीट की और देवर आसिफ ने पेट में लात मारी। मेरे पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। 11 दिसंबर 2022 को सास-ससुर और देवर ने मेरे साथ फिर मारपीट की। देवर चाकू लेकर आया और जान से मारने की धमकी दी। उसने चाकू से हमला किया। बचाव में मैंने अपना हाथ आगे कर दिया। देवर ने मेरे हाथ पर चाकू से 3-4 वार किए और बाल पकड़कर घसीटा। बचने के लिए मैं दौड़कर गली में आ गई। यहां किसी ने मेरे जीजा अमजद खान को फोन कर सूचना दे दी। वह मौके पर पहुंचे, इस दौरान ससुराल पक्ष ने जीजा के साथ गाली-गलौज की। कार की डिमांड पूरी नहीं करने पर घर में लेने से इनकार कर दिया। जीजा मुझे और मेरी बेटी को अपने साथ हनुमानगढ़ ले गए। मुझे घायल हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया।
विवाहिता का पांच महीने पहले हुआ गर्भपात…
महिला थाना की एसआई रेणुबाला ने बताया, पीड़िता ने थाने में रिपोर्ट दी है। उसने बताया कि उसका पति यूसुफ खां, ससुर यूनुस खां पुत्र रहीम खां, सास विमला, ननद अंजू, मेहराज और साइना के साथ ही देवर आसिफ दहेज की डिमांड कर रहे हैं। उसके साथ आए दिन मारपीट,गाली-गलौज करने के साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। करीब पांच महीने पहले मारपीट से उसका गर्भपात भी हो गया था। एसआई ने बताया, पीड़िता की रिपोर्ट पर मामला दर्जकर जांच की जा रही है। विवाहिता का पति सऊदी अरब के यम्बू में पानी के टैंकर सप्लाई करने वाली कंपनी में सुपरवाइजर है और अकाउंट का काम भी करता है। उसके ससुर और देवर कोई काम नहीं करते हैं।