Rajasthan news : जयपुर के मानसरोवर में शादी का झांसा देकर देहशोषण की शिकार हुई एक महिला मुकदमा दर्ज करना एक SHO पर भारी पडड गया। कोर्ट ने उसके खिलाफ उसी के थाने में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट और डीजीपी के सर्कुलर की पालना नहीं की SHO ने
जयपुर मेट्रो प्रथम की एसीएमएम कोर्ट संख्या 10 ने पीड़ित महिला की याचिका को सुना। एसीएमएम अमित शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मानसरोवर थाने के SHO ने सुप्रीम कोर्ट और डीजीपी के सर्कुलर की पालना नहीं की। सर्कुलर के मुताबित दुष्कर्म के मामलों में पीड़ित महिलाओं की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस बाध्य है। पीड़ित महिलाओं को थाने से टरका कर मना नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद SHO ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की। कोर्ट ने SHO के खिलाफ उन्हीं के थाने में आईपीसी की धारा 166ए के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए किया देहशोषण
पीड़ित महिला का आरोप है कि शादी का झांसा देकर आरोपी ने उसके साथ कई बार बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाए। आरोपी ने पीड़ित महिला की अश्लील फोटो और वीडियो बना ली थी। उन फोटो और वीडियो की आड़ में पीड़िता को लगातार ब्लैकमेल करते हुए देहशोषण किया।
पीड़िता के गर्भवती होने पर आरोपी ने बिना अनुमति के गर्भपात कराने का आरोप भी लगाया। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़िता ने कई बार पुलिस थाने के चक्कर लगाए लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।