इसके पीछे का कारण है छुट्टियों में भी शिक्षकों को काम करने के लिए बुलाया जा रहा हैं. छुट्टियों में भी उनसे अलग-अलग काम कराए जा रहे हैं. कहा गया है कि वे मुख्यालय को छोड़कर नहीं जा सकते.
छुट्टियों में भी काम की वजह से राजस्थान के शिक्षक छुट्टियां रद्द करने की मांग कर रहे (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राजस्थान (Rajasthan) में 17 मई से 30 जून तक स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं लेकिन इधर सोशल मीडिया पर राज्य के शिक्षक इन छुट्टियों के विरोध में उतर आए हैं. शिक्षक ग्रुप में मैसेज डाल रहे हैं कि ये छुट्टियां हमें नहीं चाहिए. यह सभी जानकर चौक रहे हैं कि आखिर इतनी लंबी छुट्टियों को शिक्षक खुद निरस्त क्यों करवाना चाह रहे हैं. इसके पीछे का कारण है छुट्टियों में भी शिक्षकों को काम करने के लिए बुलाया जा रहा हैं. छुट्टियों में भी उनसे अलग-अलग काम कराए जा रहे हैं.
क्या मांग है शिक्षकों की
शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि, राज्य सरकार की तरफ से 17 मई को ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है. अवकाश घोषित होते ही शिक्षक परिवार से साथ बाहर जाने की या अन्य प्लानिंग बनाते हैं. अभी कुछ कक्षाओं की परीक्षा बाकी है ऐसे में शिक्षकों को कहा गया है कि वे मुख्यालय को छोड़कर नहीं जा सकते हैं. यहीं नहीं अन्य कुछ कार्य में ड्यूटी लगा दी गई है. अब शिक्षक परिवार को समय ही नहीं दे पा रहा है तो छुट्टियां कहा से हुईं. हर साल यही परेशानी आती है. इसलिए हम चाहते हैं कि छुट्टियां रद्द कर दी जाएं.
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छुट्टियां रद्द की तो आगे क्या
शिक्षक छुट्टियां रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो आगे क्या प्लानिंग है पूछे जाने पर शेर सिंह चौहान ने बताया कि, प्रशासनिक कार्यों में लगे हुए कर्मचारियों को साल की 30 पीएल मिलती है, साथ ही 5डे वीक होता है. हम शिक्षकों को 15 पीएल और ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता है. अब ग्रीष्मकाल अवकाश में भी ड्यूटी ली जा रही है तो हमारी मांग यह है कि ये छुट्टियां खत्म कर दी जाएं और शिक्षकों को 30 पीएल और 5डे वीक कर दिया जाए. शिक्षकों को न तो पीएल का लाभ मिल रहा है और ना ही छुट्टियों का.