Rajasthan Political Crisis News Today: कांग्रेस की राजस्थान इकाई में उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षकों ने ‘घोर अनुशासनहीनता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिए गए। मगर पूरे मामले में अशोक गहलोत को क्लीन चीट दी गई है।
जयपुर : राजस्थान में सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) बरकरार है। कांग्रेस ने धारीवाल, जोशी और राठौर को कारण बताओ नोटिस भेजा है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर को जयपुर में पार्टी विधायकों की बैठक करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंपी गई रिपोर्ट में क्लीन चीट दी गई है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के जल्द ही सोनिया गांधी से मुलाकत की संभावना है। एंटनी संकट को सुलझाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। एंटनी पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के प्रमुख भी हैं।
रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीनचिट
कांग्रेस विधायक दल की आधिकारिक बैठक रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर शाम 7 बजे होनी थी। लेकिन उससे पहले गहलोत के वफादार विधायक धारीवाल के आवास पर जमा हो गए। जहां से उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर जाकर सामूहिक रूप से उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। इन सबके बीच, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के जल्द ही सोनिया गांधी से मुलाकत की संभावना है। एंटनी संकट को सुलझाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। एंटनी पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के प्रमुख भी हैं। इस बीच, पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखना सर्वोपरि है। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद माकन ने सोमवार को भी कहा था कि विधायकों का अलग बैठक करना अनुशासनहीनता थी। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट में क्लीन चीट दी गई है।
धारीवाल ने विधायकों को कंफ्यूज किया
पार्टी की ओर से जारी शांति धारीवाल को नोटिस में कहा गया है कि संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते उन्होंने अपने आवास पर विधायकों की बैठक आयोजित करके गंभीर अनुशासनहीनता की है। इस प्रकार विधायकों पर आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव डाला। नोटिस में कहा गया है, संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में, अनौपचारिक बैठक की मेजबानी करने से कांग्रेस विधायक भ्रमित हो गए कि आधिकारिक तौर पर किसे बुलाया गया था। नोटिस जिसमें 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, उसमें यह भी कहा गया है कि धारीवाल ने विधायकों की बैठक तब बुलाई जब पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने बार-बार स्पष्ट किया कि वे प्रत्येक विधायक से व्यक्तिगत और निष्पक्ष रूप से बात करने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश पर आए हैं।
जोशी ने बैठक का बहिष्कार किया
इसी तरह, महेश जोशी को संबोधित नोटिस में कहा गया है कि मुख्य सचेतक के रूप में उन्होंने आधिकारिक सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक का बहिष्कार करके और आधिकारिक तौर पर नियुक्त पर्यवेक्षकों के समय विधायकों की बैठक में भाग लेकर और बुलाकर गंभीर अनुशासनहीनता की है। नोटिस में कहा गया है, मुख्य सचेतक के रूप में अनौपचारिक और अवैध बैठक में आपकी उपस्थिति ने विधायकों को भ्रमित कर दिया कि किसको आधिकारिक तौर पर बुलाया गया था।
साजिश के लिए राठौर जिम्मेदार
धर्मेंद्र राठौर को कारण बताओ नोटिस में, उन पर बैठक की सभी व्यवस्था करने का आरोप लगाया गया। विधायकों की अनौपचारिक बैठक की पूरी योजना के पीछे उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था। माकन ने धारीवाल, जोशी और राठौर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की, जिन पर उन्होंने समानांतर बैठक आयोजित करने का आरोप लगाया। माकन ने पार्टी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट में उनकी ओर से गंभीर अनुशासनहीनता की सूचना दी। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट में क्लीन चीट दी गई है।