राजस्थान: आरक्षण की आग फिर भड़की, 5 दिन से जयपुर-आगरा राजमार्ग पर जमे हैं आंदोलनकारी

आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज का आंदोलन (Reservation movement) गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी है. 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर इन समाजों को लोग भरतपुर जिले में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे (Jaipur-Agra National Highway) पर गांव अरोदा में जाम करके बैठे हैं. आरक्षण आंदोलन को देखते हुये प्रशासन ने यहां रास्ता डाईवर्ट कर रखा है.

इससे पहले मंगलवार रात को और बुधवार को दिन में आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल की प्रशासन से वार्ता हुई लेकिन हर बार की तरह वे बेनतीजा रही. इस आंदोलन की आग अब भरतपुर से निकलकर आसपास के जिलों में भी फैलने लगी है. इससे वहां आंदोलनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आरक्षण आंदोलन को देखते हुये भरतपुर के वैर, भुसावर, उच्चैन और नदबई इलाके में 13 जून से इंटरनेट बंद किया हुआ है.

इस मामले को लेकर पहले मंगलवार देर शाम को आईजी कार्यालय में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी ने 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ संभागीय आयुक्त और आईजी सहित जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक के साथ लंबे दौर की वार्ता की. देर रात 10 बजे तक वार्ता चली लेकिन वह बेनतीजा रही. वार्ता से दौरान कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. उसके बाद प्रतिनिधिमंडल वापस आंदोलन स्थल जा पहुंचा. वहां प्रतिनिधियों ने समाज के लोगों के साथ बैठकर वार्ता की. उसके बाद बुधवार को भी वार्ता हुई लेकिन उसका भी कोई परिणाम नहीं निकला.

आंदोलनकारियों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. 12 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार का प्रतिनिधि मंडल आंदोलन स्थल पर आकर वार्ता करें. हम वार्ता करने के लिए तैयार हैं. प्रशासन हमारी मांग को मुख्यमंत्री के पास पहुंचाये. लेकिन अभी तक इस पूरे मामले में कोई भी बात नहीं बन पा रही है. आंदोलन का पेच अटका हुआ है. इसके कारण लगातार पांचवें दिन भी आंदोलन जारी है.

जयपुर आगरा नेशनल हाईवे को जाम करके बैठे हैं
आंदोलनकारी जयपुर आगरा नेशनल हाईवे को जाम करके बैठे हुए हैं. इसको देखते हुये प्रशासन ने रूट को डायवर्ट कर रखा है. वहां से डायवर्जन कर वाहनों को निकाला जा रहा है. अब इस आंदोलन की आग भरतपुर जिले से बाहर निकलकर टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर, अलवर, दौसा और अन्य जिलों में भी फैलने लगी है. इन जिलों से भी सैनी समाज के लोग यहां आने लगे हैं.

मांगें नहीं मानी तो पूरे राजस्थान में होंगे जाम के हालात
आंदोलन के प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द उनसे वार्ता नहीं की तो परिणाम खुद ही सामने आ जाएंगे. पूरे राजस्थान में जाम के हालात होंगे और लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो. इसीलिए आपातकालीन वाहनों को रास्ता दिया जा रहा है. एम्बुलेंस के आने पर बैरिकेड को हटाकर निकाला जा रहा है. किसी भी तरह की अराजकता आंदोलन में नहीं की जा रही है. लोग गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं