Rajasthan Teacher Transfer: ट्रांसफर नीति को नहीं मिली मंजूरी, राजस्थान में 85 हजार शिक्षकों के तबादले अटके

Rajasthan Teacher Transfer Policy : थर्ड श्रेणी शिक्षकों के तबादले पिछले 12 साल में केवल दो बार हुए हैं। एक बार कांग्रेस शासन में और दूसरी बार बीजेपी शासन में। पहली बार साल 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में और दूसरी बार साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में।

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जयपुर : राजस्थान के अलग-अलग विभागों में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले (Rajasthan Teacher Transfer News) होते रहते हैं। हालांकि, तृतीय श्रेणी अध्यापकों के ट्रांसफर पर कई साल से अघोषित रोक लगी हुई है। एक लाख से ज्यादा शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है। प्रतिबंधित जिलों में हजारों शिक्षक ऐसे हैं जो बीस साल से अपने गृह जिले से 500 किलोमीटर दूर नौकरी करने को मजबूर हैं। ये शिक्षक अपने तबादले के लिए लगातार सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं लेकिन इन्हें आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिलता।

राजस्थान विधानसभा में भी कई विधायक इस मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं। इसके बावजूद नतीजा वही ढाक के तीन पात। पिछले दिनों राज्य सरकार ने तबादला नीति लाकर शिक्षकों के ट्रांसफर करने का ऐलान किया था लेकिन इस नीति को मंजूरी नहीं मिली और शिक्षक ट्रांसफर का इंतजार करते रह गए।

सालभर पहले शिक्षा विभाग ने मांगे थे आवेदन, 85 हजार शिक्षकों ने किया एप्लाई
शिक्षकों की लगातार मांग और जनप्रतिनिधियों के दबाव के बाद सरकार तृतीय श्रेणी अध्यापकों के ट्रांसफर पर राजी हुई। सालभर पहले शिक्षा विभाग ने तबादलों के इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे। 85 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किया लेकिन अभी तक वे इंतजार ही कर रहे हैं। राज्य सरकार ने तबादला नीति को मंजूरी नहीं दी। इस वजह से थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले अटके हुए हैं। ट्रांसफर नहीं होने से इन शिक्षकों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है।

जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दे चुके शिक्षक संगठन
मई 2022 में जयपुर के शहीद स्मारक पर कई शिक्षक संगठनों ने धरना दिया। शिक्षक एकीकृत महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह का कहना है कि वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने बाद एक बार भी शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं किए। अकेली महिला, विधवा, परित्क्यता और विकलांग शिक्षक लम्बे समय से तबादले का इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकार को नीति बनाकर नियमानुसार तबादले करने चाहिए। डार्क जोन और दूरस्थ जिलों में तैनात शिक्षक अपने गृह जिले में जाने की आस लगाए बैठे हैं। गजेन्द्र सिंह ने कहा कि जब फर्स्ट और सेकंड श्रेणी शिक्षकों के तबादले आए दिन हो रहे हैं तो केवल थर्ड श्रेणी के शिक्षकों पर रोक क्यों लगा रखी है?

12 साल में केवल 2 बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के हुए तबादले
थर्ड श्रेणी शिक्षकों के तबादले पिछले 12 साल में केवल दो बार हुए हैं। एक बार कांग्रेस शासन में और दूसरी बार बीजेपी शासन में। पहली बार साल 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में और दूसरी बार साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में ट्रांसफर हुए थे। पिछले साल अगस्त 2021 में राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादले करने की घोषणा की थी। 85 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया लेकिन सालभर बीत जाने के बावजूद सरकार ने ट्रांसफर नहीं किए।

शिक्षा मंत्री ने रीट के बाद कही थी तबादले की बात
पिछले दिनों शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा था कि अभी राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) की तैयारियां चल रहीं। यह बड़ी परीक्षा है। रीट के सम्पन्न होने के बाद शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादलों की तैयारी कर ली गई है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले राज्य सरकार की तबादला नीति के अनुसार होंगे।