राजगढ़. मध्य प्रदेश में मेडिकल कोर्स की पढ़ाई हिंदी में करने के फैसले के बाद से राज्य के अस्पतालों में भी व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है. यहां के डॉक्टर मरीजों को दवाई की पर्ची अब हिंदी में लिख रहे हैं. प्रदेश के चिकित्सा जगत में अंग्रेजी भाषा की जगह हिंदी लेती जा रही है.
दरअसल मध्य प्रदेश मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इसको देखते हुए यहां डॉक्टरों के द्वारा हिंदी में पर्चा लिखने की शुरुआत की गई है. राजगढ़ जिला अस्पताल में पदस्थ (पोस्टेड) डॉक्टर आर.एस माथुर के पास डेढ़ माह के बच्चे को इलाज के लिए लाया गया तो उन्होंने उसको हिंदी में दवाएं लिखकर दी. बच्चे के परिजनों ने कहा कि उन्होंने पहली बार किसी डॉक्टर के द्वारा हिन्दी में लिखा हुआ पर्चा देखा है. हिंदी में लिखे पर्चे की वजह से हम डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवाइयां पढ़ और समझ सकते हैं. इससे पहले डॉक्टर पर्चे में क्या लिखते थे, हमलोगों को समझ में नहीं आता था.
‘श्री हरि’ लिख डॉक्टर आर.एस माथुर ने लिखी मेडिकल पर्ची
हिंदी में दवाइयां लिखने के बाद डॉ. आर एस माथुर ने कहा कि सरकार का मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करवाने का फैसला स्वागत योग्य है. हमने हिंदी में मेडिसिन लिखना शुरू कर दिया है. शुरुआत में हिंदी में लिखने में कुछ समस्या आ रही है क्योंकि हम इंग्लिश मीडियम में पढ़े हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह रूटीन में आ जाएगा. हिंदी में मेडिसन लिखने से लोगों को काफी फायदा होगा जिससे वो दवाइयों के बारे में खुद भी समझ सकेंगे.
Rx के स्थान पर ‘श्री हरि’ दवाओं के नाम भी हिंदी में
प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अब डॉक्टर भी पर्चे पर Rx की जगह ‘श्री हरी’ लिखकर दवाओं के नाम हिंदी में लिखे. इसके बाद राजगढ़ जिला चिकित्सालय में डॉक्टर आर.एस माथुर ने इस तर्ज पर हिंदी में पर्चा लिखा है.