“जलेबी खानी यश भाईऐ री”। जिस प्रकार शिमला के लोअर बाजार में नत्थू लाला की जलेबी मशहूर मानी जाती है। उसी प्रकार राजगढ़ क्षेत्र में यश स्वीट्स शाॅप की लजीज व करारी जलेबी- समोसे का हर कोई कायल है। जलेबी का नाम सुनते हीे हर व्यक्ति के मुंह में पानी आ जाता है। राजगढ़ आने वाला हर आगंतुक यश स्वीट्स की दुकान में जलेबी और समोसा खाना नहीं भूलता है।
बता दें राजगढ़ शहर के पुराने अड्डे पर यश स्वीट्स के नाम से एक छोटी सी दुकान है। जहां पर पूरे दिन भर जलेबी खरीदने व ताजे व गर्म समोसे खाने वालों की भीड़ लगी रहती है।
अहम बात यह है कि जलेबी में किसी प्रकार के कृत्रिम रंग इत्यादि का उपयोग नहीं किया जाता है। विशेषकर त्यौहारों पर अधिक मांग होने से जलेबी कम पड़ जाती है। लोग लाइन में खड़े होकर ताजी बन रही जलेबी का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं, जबकि इस दुकान पर तैयार की जाने वाली पनीर की जलेबी भी बहुत मशहूर है। इसी प्रकार समोसे में आलू के अतिरिक्त मटर व पनीर का प्रयोग किया जाता है, जिसे लोग दुकान पर खाने के अतिक्ति गर्म-गर्म अपने घर ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं।
रिटब गांव के सुरेश हाब्बी का कहना है कि जब भी वह राजगढ़ किसी काम से आते हैं। यश की दुकान से जलेबी व समोसा घर जरूर ले जाते हैं और बच्चे बहुत पसंद करते है। हालांकि इस दुकान पर सभी प्रकार की मिठाईयां मिलती है और निचली मंजिल में रेस्तरां खोला गया है, जहां पर हर प्रकार का लजीज भोजन परोसा जाता है।
गौर रहे कि ग्रामीण क्षेत्रों के मेलों में विशेषकर जलेबी खाने का बहुत प्रचलन है। लोग मेलों से जलेबी खरीदकर अपने सगे संबंधियों को उपहार में देते हैं। स्वीट्स शॉप के मालिक यशपाल शर्मा ने बताया कि उनकी दुकान पर आधा क्विंटल जलेबी व 500 से अधिक समोसे की प्रतिदिन बिक्री होती है। इसके अतिरिक्त दुकान पर दस व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिसकी आय से कामगार अपने घर परिवार को पालन पोषण करते हैं।गौर रहे कि जलेबी का इतिहास भगवान श्रीराम से जुड़ा है।
पौराणिक दंतकथाओं के अनुसार श्रीराम को शष्कुली नामक मिठाई बेहद पंसद थी, जिसे बाद में जलेबी के रूप में जाना गया। बताते हैं कि लंका दहन की जीत का जश्न श्रीराम ने जलेबी खाकर मनाया था। जिसके चलते दशहरा पर्व पर लंका दहन के उपरांत जलेबी बांटने व खाने की परंपरा बदलते परिवेश में भी कायम है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दूध के साथ जलेबी के सेवन से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जलेबी व दूध में विटामिन सी, आयरन व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे माइग्रेन जैसी बिमारी से छुटकारा मिलता है। दुबला पतले मनुष्य वजन बढ़ाने के लिए भी इसका सेवन कर सकते हैं।