राजगढ़ : करगानू में गिरिनदी पर नहीं बनेगी झील, पर्यटन विकास का सपना दिखा रद्द की परियोजना

राजगढ़, 24 अगस्त : करगानू में गिरि नदी पर पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित की जाने वाली कृत्रिम झील का सपना लोगों के लिए अब अधूरा ही रह गया है। जल शक्ति विभाग के विशेषज्ञों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर करगानू में प्रस्तावित कृत्रिम झील निर्मित करने की योजना रदद हो गई है। इससे क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिसकी पुष्टि सहायक जिला पर्यटन अधिकारी सिरमौर ने की है।

बता दें पर्यटन विभाग द्वारा करगानू में गिरि नदी पर कृत्रिम झील निर्मित करने के लिए वर्ष 2019 में  एक कार्य योजना तैयार की गई थी, ताकि देश विदेश से पर्यटक यहां आकर जल क्रीड़ाओं को भरपूर आनंद ले सकें। प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत अढाई करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई थी। इस परियोजना के तहत गिरि नदी पर कृत्रिम झील और अपरोच रोड़ निर्मित करने के अतिरिक्त कैफेटेरिया, परिदृष्य, जल क्रीड़ाओं इत्यादि गतिविधियों के सृजन किया जाना शामिल था।

कृत्रिम झील का प्राक्कलन तैयार करने से पहले उपायुक्त सिरमौर द्वारा इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए जल शक्ति विभाग कोआदेश दिए गए थे। जेएसवी विभाग द्वारा कृत्रिम झील के प्रस्तावित स्थल का गहनता से निरीक्षण किया गया। इस स्थल को झील बनाने के लिए उचित नहीं पाया गया। बरसात के दौरान झील में अत्यधिक गाद भरने की संभावना जताई गई। जिसके आधार पर कृत्रिम झील निर्मित करने की योजना रदद हो गई।

सेवानिवृत सहायक कमांडेट एसएसबी कृष्ण सिंह पुंडीर, वरिष्ठ नागरिक देवी राम, सतीश कश्यप, विजय मेहरा सहित अनेक स्थानीय लोगों का कहना है कि कृत्रिम झील के लिए करगानू व यशवंतनगर के मध्य गिरि नदी पर काफी विकल्प विद्यमान है। परंतु विभाग द्वारा अन्य विकल्प पर विचार किए बिना इस योजना को रदद कर दिया जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां एक सपना बनकर रह गई है।

बताया जा रहा है कि शनि मंदिर के साथ व गौड़ा के नीचे गिरि नदी पर कृत्रिम झील निर्मित करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थल उपलब्ध है। इस क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग की है कि कृत्रिम झील के निर्माण बारे पुनर्विचार किया जाए ताकि इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां के बढ़ने से लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिल सके।

कृष्ण पुंडीर ने बताया कि करगाून से पर्यटक स्थल चायल और हाब्बन काफी नजदीक है तथा पर्यटकों को इस क्षेत्र के अनेक अनछुए पर्यटक स्थलों को देखने का भी अवसर भी प्राप्त होगें। सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी सिरमौर ने बताया कि जेएसवी विभाग की फिजिबिलिटी रिर्पोट के आधार पर करगानू में प्रस्तावित कृत्रिम झील की परियोजना रदद कर दी गई है और झील के लिए स्वीकृत दो करोड़ की राशि पैराग्लाइडिंग साईट सेरजगास को जारी कर दी है ।