मनोरंजन जगत से एक बेहद दुखद खबर आ रही है. 40 दिनों तक जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने के बाद कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का बुधवार को निधन हो गया. बीच में उनके होश में आने की उम्मीद बन रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. डॉक्टरों की एक टीम द्वारा लगातार उनकी तबीयत को बेहतर करने का प्रयास कर रही थी लेकिन 40 दिन के बाद हमने उन्हें खो दिया.
40 दिनों से चल रहा था इलाज
बता दें कि 10 अगस्त को राजू श्रीवास्तव को स्ट्रोक तब आया था जब वह जिम में वर्कआउट कर रहे थे. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में 40 दिनों तक चले इलाज के बाद आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.
1980 से थे मनोरंजन जगत का हिस्सा
25 दिसंबर 1963 को कानपुर में पैदा हुए राजू श्रीवास्तव, 1980 के दशक के अंत से मनोरंजन जगत में सक्रिय थे. उन्हें 2005 में स्टैंड-अप कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ के पहले सीजन में भाग लेने के बाद काफी लोकप्रियता मिली थी. इसके साथ ही उन्होंने ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाजीगर’, ‘बॉम्बे टू गोवा’ (रीमेक) और ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’ जैसी फिल्मों में अभिनय भी किया है. श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष भी थे.
संघर्ष से पाई थी सफलता
उन्होंने कहा था कि लोगों को हंसाने और अपनी बात असरदार तरीके से पेश करने का हुनर उन्होंने अपने कवि पिता से पाया था. 2014 में समाजवादी पार्टी के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले राजू, अभिनेता और हास्य कलाकार के साथ साथ राजनेता भी थे. हालांकि वह चुनाव लड़े तो सही मगर वह जीत नहीं पाए थे. अभी वो भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा थे.
इस कामयाबी तक पहुंचने के लिए राजू को संघर्ष के कठिन रास्ते से होकर गुजरना पड़ा था. उन्होंने बदहाली का सामना भी किया. अपना खर्चा उठाने के लिए कई बार उन्होंने ऑटो चलाने के साथ साथ 50-50 रुपए में शो किए.