राजस्थान राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है। मंगलवार को सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इसके बाद राजस्थान में उलटफेर की संभावना बढ़ गई है। सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उतरने से तीसरी सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है।
राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा की एंट्री के साथ ही कांग्रेस में सेंधमारी की संभावना बढ़ गई है। भाजपा सुभाष चंद्रा के जरिए क्रॉसवोटिंग करा सकती है। ऐसे में तीसरी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए अब कांग्रेस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी और सेंधमारी रोकने का प्रयास करना होगा। सुभाष चंद्रा को आरएलपी के तीन विधायक, बीटीपी के दो और निर्दलीय विधायकों का सहारा है। हालांकि, अभी आरएलपी और बीटीपी किसे समर्थन देगी, अभी साफ नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल सुभाष चंद्रा का ही समर्थन करेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस को बाहरी उम्मीदवार बनाने का खामियाजा उठाना पड़ सकता है। हरियाणा राज्यसभा चुनाव में भी सुभाष चंद्रा ने जीत दर्ज कर कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ दिया था।
भाजपा के तीसरे प्रत्याशी ने नामांकन भर दिया है। अब कांग्रेस का तीसरा प्रत्याशी कौन इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी का वह तीसरा प्रत्याशी कौन होगा, जो भाजपा के संभावित उम्मीदवार को टक्कर देगा, इसे लेकर मंथन किया जा रहा है।
कांग्रेस के पास तीनों सीट जीतने के लिए निर्दलीय और समर्थक पार्टियों को मिलाकर पर्याप्त संख्या बल है लेकिन कांग्रेस पार्टी के खुद के 108 सदस्य ही हैं। ऐसे में दो सीट तो कांग्रेस पार्टी अपने ही विधायकों के दम पर जीत लेगी लेकिन तीसरी सीट के लिए उसे 15 वोट की दरकार होगी। इसके लिए उसे 13 निर्दलीयों के साथ ही बीटीपी, आरएलडी और माकपा को अपने साथ रखना होगा। ऐसे में जिस प्रत्याशी को निर्दलीय सर्वाधिक वोट देने वाले होंगे, उस पर सबकी निगाहें होंगी क्योंकि क्रॉस वोटिंग की तलवार भी उसी सीट पर लटकी होगी।
राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है। इनमें से कोई भी राजस्थान का नहीं है। ऐसे में स्थानीय उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से विधायकों में नाराजगी है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने खुलकर इसपर आपत्ति जताई है। अब क्रॉसवोटिंग के डर से कांग्रेस ने बाड़ाबंदी की तैयारी कर ली है। कांग्रेस अपने विधायकों और समर्थकों की जयपुर या इससे नजदीक किसी शहर में बाड़ाबंदी कर सकती है। मंगलवार को सभी विधायकों को मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया है।