Rakesh Tikait should clarify which farmers' war he is fighting - BJP State Spokesperson Baldev Tomar

राकेश टिकैत स्पष्ट करें कि वह कौनसे किसानों की जंग लड़ रहे जंग – भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर

शिमला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर ने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत केवल देश और प्रदेश में वातावरण खराब करने का असफल प्रयास कर रहे है।
उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत स्पष्ट करें कि वह कौनसे किसानों की जंग लड़ रहे है। अगर किसी प्रकार की समस्या किसानों को आ रही है तो किसानों कानूनों के बारे में इन नेताओं को लिख कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सेब के दाम डिमांड एंड सप्लाई तय करती है ना कि कोई कंपनी, हिमाचल के किसानों को यह नेता गुमराह करने की कोशिश ना करे।
उन्होंने कहा की देश का किसान खेती कर रहा है । वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और कार्यों से खुश है और उनकी नीतियों और कृषि कानूनों का समर्थन करता है, विपक्षी दलों के कार्यकर्त्ता किसानभेष में राजनीति कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं।
आज लघु एवं सीमांत किसानों का भविष्य सुरक्षित कराने में लगी है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 2 हेक्टेयर या उससे कम भू-जोत वाले किसानों को उनके मामूली अंशदान पर हर महीने मिलेगी 3,000 रूपये पेंशन मिलेगी अभी तक 21.42 लाख से अधिक किसान कर चुके है इस योजना में पंजीकरण।
उन्होंने कहा देश की कृषि नीतियों में अब छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसी भावना के साथ पिछले कुछ वर्षों से इन छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए अत्‍यंत गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं। ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ के तहत अब तक किसानों को 1 लाख 60 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इनमें से 1 लाख करोड़ रुपये महामारी के संकट काल के दौरान छोटे किसानों को अंतरित किए गए हैं। कोरोना काल के दौरान 2 करोड़ से भी अधिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिनमें से अधिकांश छोटे किसानों को दिए गए। ऐसे ही किसान देश में स्‍थापित की जा रही कृषि संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और कनेक्टिविटी संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं से लाभान्वित होंगे। फूड पार्क, किसान रेल और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी पहलों से छोटे किसानों को काफी मदद मिलेगी। बीते साल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 6 हजार से भी ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने ने कहा कि ये कदम बाजार तक छोटे किसानों की पहुंच के साथ-साथ एफपीओ के माध्यम से सौदेबाजी करने की उनकी क्षमता को भी काफी बढ़ा देते हैं।