बॉलीवुड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह बॉलीवुड में कई फिल्में कर चुकी हैं। वो हमेशा से ही कुछ नया करना चाहती हैं और इस बार भी वो अपनी फिल्म ‘छतरीवाली’ के साथ आ गई हैं। हाल ही में ‘नवभारत टाइम्स’ के साथ बातचीत में रकुल ने बताया कि उनके लिए ये सब कैसा था।
‘छतरीवाली’ और रकुल प्रीत
हाल ही में नवभारत टाइम्स अपने रीडर्स के लिए एक खूबसूरत मौका लेकर आया। एनबीटी रंगमंच क्लब ने फिल्म छतरीवाली में जानी-मानी एक्ट्रेस रकुल प्रीत के साथ रीडर्स के लिए खासतौर से मीट योर स्टार’ का आयोजन किया। इस मीट एंड ग्रीट के लिए रकुल खास तौर पर नवभारत टाइम्स के ऑफिस आईं। जीफाईव पर आई छतरीवाली सेफ सेक्स पर आधारित है। रकुल ने न केवल सेक्स एजुकेशन जैसे मुद्दे पर बात की बल्कि रीडर्स के तमाम सवालों का जवाब दिया और खूब फोटोज खिंचवाए।
रकुल प्रीत के साथ शानदार रहा सब
रकुल प्रीत अपनी इस नई फिल्म छतरीवाली को लेकर बहुत उत्साहित हैं। डॉक्टर जी के बाद यह उनकी एक और मुद्दे वाली फिल्म है, जिसमें वे सुरक्षित यौन संबधों पर लोगों को जागरूक करती नजर आ रही हैं। इस मौके पर रकुल ब्लू कलर के डेनिम आउटफिट में बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं। उन्होंने कहा कि जितना जोर हमारा समाज शादी करने पर देता है, उतनी ही उपेक्षा सुरक्षित यौन संबंधों को लेकर की जाती है, जिसके कारण अनचाही प्रेग्नेंसी और गर्भपात और प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर में इजाफा होता जाता है।
बचपन में लगता था किस करने से प्रेग्नेंट हो जाते हैं
इस मौके पर किस और सेक्स को लेकर फैली अज्ञानता के बारे में रकुल ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘ हमारे समाज में सेक्स को साइंस या सेहत के नजरिए से नहीं देखा जाता और एक टैबू की तरह ट्रीट किया जाता है। रीप्रोडक्टिव सिस्टम के बारे में अज्ञानता सालों से चली आ रही है। बचपन में मुझे भी यही लगता था कि किस करने से प्रेग्नेंट हो जाते हैं। मुझे याद है स्कूल में मेरी एक दोस्त थी, वो जब भी अपने बॉयफ्रेंड को किस करती थी, तब -तब वो गर्भ निरोधक गोली खाती थी ताकि वो प्रेग्नेंट न हो जाए। यह सिलसिला जब लंबा चला, तो एक दिन ऐसा आया कि गर्भनिरोधक गोलियां खाते-खाते वो गंभीर रूप से बीमार पड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और उसे एक सर्जरी से गुजरना पड़ा। मैं स्कूल वालों और घर वालों से यही कहूंगी की एक सही उम्र में सेक्स एजुकेशन दीजिए, क्योंकि सेक्स को लेकर सही जानकारी होगी, तभी ऐसी गलतियों से लोग बचेंगे।’
महिलाओं को सेक्सुअल हेल्थ के लिए जागरूक होना होगा
सवाल-जवाब का सिलसिला आगे बढ़ने पर रकुल ने महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर बात करते हुए रकुल ने बताया, ‘हम महिलाओं के ऊपर इतनी जिम्मेदारियां होती हैं, इतनी चीजें सिखाई जाती हैं लेकिन हमको हमारे ही शरीर के बारे में नहीं बताया जाता है। हमको नहीं पता है कि कौन-सी चीज हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक है। हमको नहीं बताया जाता है कि गर्भनिरोधक गोलियां हमारे लिए कितनी हानिकारक हैं। या आदमी के प्रोटेक्शन ना इस्तेमाल करने से हमको क्या दिक्कतें हो सकती हैं, तो मुझे लगता है हम औरतों को इन चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए।’
सालों पहले बेटी को दी थी सेक्स एजुकेशन
रकुल ने अपनी फिल्म की पैरवी करते हुए कहा कि मैं चाहती हूं, पूरा परिवार मिल बैठ कर यह फिल्म देखे और अपने बच्चों को सेफ सेक्स को लेकर एजुकेट करें। इस बात पर एक बुजुर्ग रीडर ने ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को आज से 22 साल पहले सेक्स एजूकेशन दी थी। उन्होंने कहा की जीवन में बच्चे ऐसी गलती ना करें जिससे उनको भी तकलीफ हो और उनके माता पिता को भी। इसलिए भी सेक्स एजूकेशन बहुत जरूरी है।’ वहीं साइंस शिक्षिका के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी एक रंगमंच मेंबर अपना अनुभव साझा करते हुए बोलीं, ‘जब भी क्लास में रिप्रोडक्शन का चैप्टर आता था बच्चे या तो उस दिन स्कूल बंक कर देते थे या ध्यान नहीं देते थे। थोड़े बहुत बच्चे अटेंड करते भी थे, तो वे शरमाते रहते थे क्योंकि उनको लगता है कि इसको पढ़ने की क्या जरूरत है। फिर मैंने कोशिश करके बच्चों को दो पार्ट में डिवाइड किया जिससे लड़के-लड़कियों को अलग बैठा कर पढ़ाया जाए, मगर उससे भी कुछ खास फायदा नहीं हुआ।
इस मीट और ग्रीट का सेशन इनफोर्मेटिव रहा
रंगमंच मेंबर्स से बात करते हुए रकुल ने इस सेशन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। वे ये बताना नहीं भूलीं कि फिल्म को ओटीटी पर दिखाने का उद्देश्य यही है कि अगर हम इसे थिएटर में रिलीज करते तो हो सकता है, इसके सब्जेक्ट के कारण लोग सिनेमा हॉल में इसे देखने न जाते, मगर ओटीटी पर लोग इसे अपने घर में अलग-लाग बैठ कर भी देख सकेंगे। वैसे यह सेक्स एजुकेशन पर एक पारिवारिक फिल्म है, जिसे परिवार संग देखा जा सकता है। अपने बारे में उन्होंने खूब किस्से सुनाए और रीडर्स से भी खूब किस्से सुने।