रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समरण करने व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक किया जाता है और भगवान विष्णु को विशेष रूप से गंगा के जल से अभिषेक करवाना अति शुभ माना गया है। एकादशी तिथि 20 अक्टूबर 2022 को शाम चार बजे शरू हो रही है और 21 अक्टूबर को शाम पांच बजकर 22 मिनट तक रहेगी। पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि इस बार रमा एकादशी को विशेष शुभयोग बन रहा है और व्रत सफलता का आशीर्वाद देने वाला है। व्रत को पूरे विधि विधान व नियम पूरक करके विष्णु भगवान की पूजा के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने के उत्तम फल मिलेगा।
इस बार शुभ योग दे रहा सफलता का आशीर्वाद
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस साल रमा एकादशी के दिन शुभ योग बनने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। इस दिन सुबह से शुक्ल योग रहेगा। जो कि शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा। यह समय सफलता देने वाला है।
ऐसे विधि विधान से करें व्रत
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी अति प्रिय हैं, इस लिए इन्हें अर्पित करें। भगवान की आरती करें और भोग लगाएं। बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस लिए सात्विक भोग ही भगवान विष्णु को लगाएं और तुलसी का प्रयोग जरू करें। भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।