धर्मपुर (मंडी). हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है. यहां से कद्दावर मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर को मैदान में उतारा गया है. भाजपा ने यहां से रजत को टिकट दिया था तो महेंद्र सिंह की बेटी और भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री ने खासी नाराजगी जताई थी. वह भी धर्मपुर से चुनाव लड़ना चाहती थी.
टिकट आवंदन के बाद महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया और बेटे रजत ठाकुर के बीच ठन गई थी. हालांकि, अब मामला अब कहीं ना कहीं शांत होता नजर आ रहा है. भाई दूज के दिन जहां रजत ने अपनी बहन के साथ फोटो सांझा करते हुए इस त्योहार की बधाई दी. वहीं, वंदना ने भी रजत की इसी तस्वीर को शेयर किया. अब इस पोस्ट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों में कहीं ना कहीं नाराजगी कम हुई है.
धर्मपुर से भाजपा प्रत्याशी रजत ठाकुर ने फेसबुक पर भाई दूज की बधाई देते हुए वंदना के साथ फोटो शेयर की और लिखा कि भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण को प्रकट करते पावन पर्व, भाई दूज की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ. वंदना ने इसी पोस्ट को आगे शेयर किया था. हालांकि, यह तस्वीर पुरानी है और माना जा रहा है कि टिकट आवंटन के बाद से वंदना ने रजत से मुलाकात नहीं की है. हालांकि, मंत्री और भाई ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी.
वंदना ने क्या कहा था
वंदना ने रजत के नाम पर टिकट के एलान के साथ ही फेसबुक पर लिखा था कि दिल्ली से टिकट मिल सकता है लेकिन वोट नहीं. इसके बाद वंदना ने कहा था कि परिवारवाद में बेटियों को ही कुर्बानी क्यों दी जाती है. इसके बाद भी वंदना ने सिलसिलेवार तरीके से भाजपा हाईकमान पर सवाल उठाए थे. लगातार फेसबुक पर पोस्ट डाले थे.
भाई के नामांकन पर भी नहीं पहुंची थी वंदना
वंदना ने हालांकि अपने भाई के प्रचार अभियान से दूरी बनाकर रखी है. वह नामांकन के दौरान भी धर्मपुर में आयोजित जनसभा में नहीं पहुंची थी. वहां पर महेंद्र सिंह के अलावा, विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थी, लेकिन वंदना ने नामांकन कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था. हालांकि, उनकी फेसबुक प्रोफाइल से सरकाघाट में सीएम के कार्यक्रम और सराज की जनसभाओं का लाइव किया गया है.
पिता की विरासत को लेकर भाई बहन में खींचतान
गौरतलब है कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से बीते 35 साल से वंदना और रजत के पिता महेंद्र सिंह लगातार विधायक चुनते आ रहे थे. वह लगातार यहां से 7 बार विधायक का चुनाव जीते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सियासी पारी को विराम देते हुए बेटे को टिकट दिलवाया. धर्मपुर से वंदना भी चुनाव लड़ना चाहती थी और इसको लेकर परिवार में काफी समय से खींचतान चल रही थी.