Ravana Dahan: रावण की ऐसी दुर्गति…दहन से पहले ही टूट गई गर्दन, डेढ़ लाख में तैयार हुआ था पुतला

दौसा. इस बार दशहरे के जश्न पर मौसम का असर दिखाई दिया. तेज बारिश और हवाओं ने कहीं रावण पुतलों को गिरा दिया तो कहीं वो इतने भीग गए कि जलाने में पसीने छूट गए. इस तरह की अलग-अलग तस्वीरें कई शहरों से सामने आई हैं. राजस्थान के दौसा में भी अजीबोगरीब घटना हुई, जहां टूटी हुई गर्दन वाले रावण का दहन करना पड़ा.

दरअसल, रावण दहन से पहले चली तेज हवा ने अच्छी खासी लागत से बने रावण पुतले की गर्दन को तोड़ दिया. इसके कारण दौसा जिले के बांदीकुई में टूटी हुई गर्दन के रावण का ही दहन करना पड़ा. बांदीकुई में रावण दहन से पहले बरसात और तेज हवा के कारण डेढ़ लाख की लागत से बना जिले का सबसे ऊंचा 71 फीट का पुतला टूट कर धराशाही हो गया. प्रशासन ने भी करीब 1 घंटे की कड़ी मेहनत कर उसे ठीक करने का प्रयास किया. लेकिन दशानन की गर्दन ठीक नहीं हो सकी. फिर पालिका प्रशासन ने टूटे हुए दशानन के पुतले का ही दहन करा दिया. इसे लेकर कार्यक्रम भी करीब एक घंटा लेट हुआ.

दिलचस्प बात यह रही किदौसा जिले की बांदीकुई पालिका की ओर से रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जो निर्धारित समय से नहीं हो पाया इसमें डेढ़ लाख की लागत से जिले का 71 फीट ऊंचा रावण का पुतला और 50-50 हजार की लागत से 51-51 फीट मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले लगाए गए. लेकिन रावण के पुतले की ऊंचाई 71 फीट होने के कारण तेज हवा ने रावण की गर्दन तोड़ दी. जिसके बाद टूटी हुई गर्दन की पुतले का पहली बार दहन किया गया.

एक नजर में पुतलों की लंबाई और ऊंचाई
विजयदशमी पर्व पर दौसा में 51 फीट रावण का पुतला 2 मिनट में, लालसोट में 41 फुट का पुतला 15 मिनट में, महुआ में 51 फीट का पुतला 2 मिनट में, दशानन रावण सहित कुंभकरण और मेघनाथ के 41-41 फुट के पुतलों का दहन किया गया.