रवि किशन ने यह स्वीकार किया है कि भोजपुरी फिल्मों में काम के दौरान उनके और मनोज तिवारी के बीच अहंकार की लड़ाई थी। रवि किशन ने हालिया इंटरव्यू में बताया है कि यह गहमागहमी 13 साल तक चली। दोनों तब एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे। हालांकि, अब दोनों में पक्की दोस्ती है और बीती बातों को यादकर हंसते हैं।
‘मनोज स्टार बना तो उसके आसपास के लोग झूठ बोलने लगे’
Ravi Kishan ने न्यूज शो ‘आप की अदालत’ में Manoj Tiwari के साथ अपने रिश्तों को लेकर यह खुलासा किया है। रवि किशन कहते हैं, ‘हम 13 साल से प्रतिद्वंद्वी थे। हम कभी एकसाथ स्टेज पर नहीं होते थे। अगर हम में से किसी को पता चलता कि एक किसी रास्ते से आ रहा है, तो दूसरा उस दिशा में नहीं जाता था।’ रवि किशन ने कहा कि जब से मनोज स्टार बने हैं, उनके आसपास बहुत से ऐसे लोग रहे हैं जो उनकी ‘हां में हां’ मिलाते रहते थे। ये वो लोग थे, जो उनसे झूठ बोलते थे और तरह-तरह की कहानियां बनाकर बताते थे।
रवि किशन और मनोज तिवारी ने तीन फिल्मों में किया साथ काम
रवि किशन अपने अंदाज में कहते हैं, ‘मैं मनोज से कहता था कि लोग तुससे झूठ बोलते हैं। तुम एक अच्छे सिंगर हो, मैं एक ट्रेंड हो चुका एक्टर हूं, हम साथ काम कर सकते हैं।’ अपने पूरे करियर में रवि किशन और मनोज तिवारी ने सिर्फ दो फिल्मों में साथ काम किया है। इनमें से ‘जनम जनम के साथ’ 2007 में और ‘गंगा’ साल 2006 में रिलीज हुई। ‘गंगा’ फिल्म में इन दोनों के अलावा अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी भी प्रमुख भूमिकाओं में थे। इसके अलावा दोनों निरहुआ के साथ फिल्म ‘गंगा जमुना सरस्वती’ में भी नजर आए।
मनोज तिवारी से पिटने से रवि किशन ने किया था इनकार
इंटरव्यू के दौरान शो के होस्ट रजत शर्मा ने रवि किशन को उस किस्से की याद दिलाई, जब एक फिल्म में रवि एक चोर के रोल में थे और मनोज तिवारी पुलिस वाले की भूमिका में थे। तब रवि किशन ने मेकर्स के सामने शर्त रखी थी कि वह पुलिस वाले से नहीं पिटेंगे, बल्कि उसे पीटेंगे। इस पर रवि किशन ने हंसते जवाब दिया, ‘मैं मनोज को हमेशा एक प्रतियोगी के रूप में देखता था। फैंस कभी अपने हीरो को दूसरों से पिटते हुए नहीं देखना चाहते हैं। वह नहीं चाहते हैं कि उनका हीरो दब्बू रहे। फैन अपने नायक को किसी से हारते हुए देखना पसंद नहीं करते।’
रवि किशन बोले- हमारे बीच अहंकार की लड़ाई थी
रवि किशन ने इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि उनके और मनोज तिवारी के बीच ‘अहंकार की लड़ाई’ थी। लेकिन यह भी बताया कि यह गहमागमी 13 साल चली और फिर खत्म हो गई। रवि किशन कहते हैं, ‘आज जब हम उस समय के बारे में बात करते हैं तो हमें हंसी आती हैं। हम आज बहुत अच्छे दोस्त हैं और एक-दूसरे के लिए हमारे मन में ढेर सारा प्यार और सम्मान है।’
2003 में दोनों ने किया था भोजपुरी सिनेमा में डेब्यू
मनोज तिवारी एक्टर बनने से पहले एक मशहूर सिंगर थे। उन्होंने साल 2003 में ‘ससुरा बड़ा पईसावाला’ से बतौर एक्टर भोजपुरी फिल्मों में डेब्यू किया। फिल्म न सिर्फ सुपरहिट रही, बल्कि यह भोजपुरी फिल्मों की पहली ऐसी फिल्म बनी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर भी खूब कमाई की। दिलचस्प है कि 2003 में ही हिंदी और तमिल फिल्मों में काम करने के बाद रवि किशन ने भी भोजपुरी फिल्मों का रुख किया था। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘सईयां हमार’ थी। साल 2004 में रिलीज रवि किशन की फिल्म ‘पंडित जी बताई ना बियाह कब होई’ सुपरहिट रही और यहीं से भोजपुरी फिल्मों की दुनिया में उनकी पॉपुलैरिटी बढ़नी शुरू हुई।