भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को महंगाई दर को कंट्रोल करने के लिये रेपो रेट को 0.5 फीसदी बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. चालू वित्त वर्ष की 5वीं मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाई गई है. इससे पहले अगस्त में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई थी और ब्याज दर को 4.90 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था.
कुल मिलाकर 2022-23 में अब तक रेपो दर में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है. मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की 10 बड़ी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए जान लेना बेहद जरूरी हैं.
1. यह चौथी बार है जब नीतिगत दर में वृद्धि की गयी है. मई से लेकर अब तक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है. खास बात यह है कि अब रेपो रेट कोरोना महामारी से पहले के स्तर से ज्यादा हो गई है. अगस्त, 2019 में रेपो दर 5.4 प्रतिशत पर थी.
2. केंद्रीय बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों पर होगा. रेपो रेट में वृद्धि होने के बाद बैंक की भी अपनी ब्याज दरें बढ़ाएंगे. इससे बैंक से होम लोन और कार लोन लेना महंगा हो जाएगा.
3. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद अब देश अन्य सार्वजनिक और निजी बैंक जल्द ही फिक्स डिपॉजिट पर ग्राहकों को मिलने वाले ब्याज की दर बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं. इस फैसले का लोगों को फायदा होगा.
4. रेपो दर दर बढ़ने के बाद पर्सनल और एजुकेशन लोन लेने वालों पर भी प्रभाव पड़ेगा. इसके बाद लोन लेने के लिए अब ज्यादा ब्याज का भुगतान करना होगा. लोन की किस्त पर ज्यादा हो जाएगी.
5. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 23 के लिए भारत की जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. आरबीआई ने हर तिमाही को लेकर अपने अनुमान के बारे में भी बताया. वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर देखी गई है.
6. लिक्विडिटी की स्थिति अब भी बेहतर दूसरी छमाही में महंगाई 6% रहने का अनुमान है. मॉनिटर और लिक्विडिटी की स्थिति बेहतर हो रही है. ग्रामीण डिमांड में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है. निवेश की स्थिति में भी सुधार दिख रहा है.
7. बैंक क्रेडिट में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. खरीफ की बुआई सामान्य स्तर से 1.7% ज्यादा है. डॉलर की मजबूती का दुनियाभर की करेंसी पर असर हुआ है, हालांकि अन्य करेंसी के मुकाबले रुपए की स्थिति बेहतर है. करेंसी उतार-चढ़ाव पर RBI की नजर बनी हुई है
8. भारत में 53,750 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है. फॉरेक्स रिजर्व AUG 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है. वैल्यूएशन में बदलाव से FX रिजर्व 67% कम हुआ है. US बॉन्ड यील्ड और डॉलर बढ़ने से FX रिजर्व घटा है.
9. गवर्नर ने कहा कि स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट में भी इजाफा किया गया है. अब स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट 5.65% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी 6.15% हो गया है.
10. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की तीन दिन की बैठक 28 सितंबर को शुरू हुई थी और आज 30 सितंबर को RBI रेपो रेट पर अपना फैसला सुनाया.