वित्त वर्ष 24 में रिटेल महंगाई दर 5 फीसदी तक आने की उम्मीद है.
नई दिल्ली. महंगाई को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाला कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आने वाले दिनों में बढ़ा हुआ ही रहने की संभावना है. हालांकि वित्त वर्ष 24 में रिटेल महंगाई दर 5 फीसदी तक आने की उम्मीद है. उससे पहले यह दर 5 के आंकड़े से ऊपर ही रह सकती है. यह अनुमान आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी कमेटी पॉलिसी की बैठक के बाद जताया गया है.
शुक्रवार के आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 23 में ओवरऑल रिटेल महंगाई 6.7 प्रतिशत बने रहने का अनुमान है. इसी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 7.1 फीसदी रहेगी और तीसरी तिमाही में इसके कुछ कम होकर 6.5 फीसदी तक रहने की उम्मीद जताई गई है. वित्त वर्ष 23 की अंतिम तिमाही में यह दर 6 के नीचे जाकर 5.8 फीसदी तक रह सकती है.
वित्त वर्ष 24 में सुधरेंगे हालात!
बता दें कि आज भारतीय रिजर्व बैंक ने अगली तिमाही के लिए नई मोनेटरी पॉलिसी जारी की है. आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 23 के लिए भारत की जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. आरबीआई ने अपने GPD ग्रोथ अनुमान में कहा कि वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर देखी गई है. तीसरी तिमाही में यह 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही भी 4.6 फीसदी की गति से बढ़ सकती है. गर्वनर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही से अर्थव्यवस्था की ग्रोथ तेजी पकड़ सकती है. उम्मीद है कि उस तिमाही में यह 7.2 फीसदी की गति से आगे बढ़ेगी.
रेपो रेट बढ़ाकर किया 5.90 फीसदी
भारतीय रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर 2022 को रेपो रेट में 50 आधार अंकों अथवा 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इससे अब रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया है. केंद्रीय बैंक द्वारा इस साल ब्याज दरों में की गई यह लगातार की गई चौथी वृद्धि है. इससे पहले अगस्त में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई थी और ब्याज दरों को 4.90 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था.