पीएम नरेंद्र मोदी के लालकिले से दिए ये 10 बड़े संदेश पढ़े? देश के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को खिलाई ये 5 कसम

Narendra Modi Speech Points: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार लालकिले से देश को संबोधित करते हुए अगले 25 साल का विजन दिया। उन्होंने साफ किया कि यह अमृत महोत्सव अब अमृतकाल में तब्दील हो रहा है। हमें पंच प्रण को लेकर 2047 तक चलना है और आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरे करने हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी के लालकिले से दिए ये 10 बड़े संदेश पढ़े? देश के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को खिलाई ये 5 कसम
पीएम नरेंद्र मोदी के लालकिले से दिए ये 10 बड़े संदेश पढ़े? देश के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को खिलाई ये 5 कसम

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को लालकिले (Red Fort) से नवीं बार फिर देश को संबोधित किया। स्वतंत्रता (Independence) के 75वें साल जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, पीएम मोदी के लालकिले से संबोधन पर सबकी नजर थी। पीएम मोदी के भाषण से निकली 10 अहम बातें :

1 – पच्चीस साल का रोडमैप इस साल भी
पिछले साल की तरह इस बार भी पीएम ने लालकिले से अपने भाषण के केंद्र में अगले 25 सालों के रोडमैप को रखा। साल 2037 तक भारत कैसे विकसित हो, कौने से अजेंडे अहम होंगे, चाहे पंच प्रण हों या बाकी मुद्दे, पीएम मोदी ने विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने इसके लिए अपने विजन और रोडमैप की एक झलक दिखाई। पिछली बार उन्होंने कहा था कि हमारे देश को भी बदलना होगा और हमें एक नागरिक के नाते अपने आपको भी बदलना होगा। दरअसल, पिछले कुछ समय से पीएम मोदी 2047 में कैसा होगा भारत, इस पर एक बहस की शुरुआत कर चुके हैं। कई मौकों पर इस पर बोल भी चुके हैं। सोमवार को लालकिले से भी उन्होंने इसे विस्तार दिया।

2 – परिवारवाद पर बहस को व्यापक बनाने की मंशा
पीएम मोदी ने लालकिले से एक बार फिर परिवारवाद का मुद्दा उठाया। जब से पीएम मोदी राष्ट्रीय राजनीति में आए हैं, उन्होंने इस मुद्दे को हमेशा जिंदा रखा है। पिछले कुछ दिनों से वंशवाद-परिवारवाद पर नए सिरे से हमला तेज कर दिया है। न सिर्फ चुनाव में, बल्कि हर मंच से इस मुद्दे को नए सिरे से सियासत के केंद्र में लाने की कोशिश की जा रही है। उनका विपक्ष पर हमला करने का यह सबसे बड़ा हथियार रहा है। उन्हें इस मुद्दे पर नैरेटिव बनाने में सफलता भी मिली है। ऐसे में इस बार भी उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से पेश किया। साथ ही उन्होंने परिवारवाद की परिभाषा को भी व्यापक करते हुए संस्थाओं और दूसरी जगहों से भी भाई भतीजावाद का मसला उठाया।

3 – करप्शन पर मुखर होकर दिया संकेत
पीएम मोदी ने संकेत दिया कि विपक्षी हमले के बीच वह करप्शन पर अपने स्टैंड को नहीं बदलेंगे और अगले आम चुनाव में भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने को कोशिश करेंगे। करप्शन के आरोप में सजा पाए नेताओं को जनता पसंद न करे, इसकी भी मांगकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की। इस मुद्दे पर अगले कुछ दिनों में राजनीति और तेज हो सकती है। दरअसल, पीएम मोदी ने लालकिले से करप्शन पर तब सख्त तेवर दिखाए, जब विपक्षी दल जांच एजेंसियों पर राजनीतिक अजेंडे से कार्रवाई करने का आरोप लगा रहे हैं और इस पर खूब राजनीति हो रही है। पिछले कुछ महीनों में विपक्ष के कई नेता करप्शन की जांच के दायरे में आए हैं। विपक्ष का कहना है कि उनके नेताओं पर दबाव बनाने के लिए इस तरह की कार्रवाई हो रही है।

4 – हर घर जल पर दांव
पीएम मोदी ने लालकिले से अगले कुछ बरसों तक हर घर तक पानी पहुंचाने के महत्वाकांक्षी मिशन को और बढ़ाने की बात कही। मोदी सरकार की योजना के तहत 2024 तक सभी घर तक पानी की पाइपलाइन और नल से पानी पहुंचाने का टारगेट रखा गया है। मोदी की मंशा है कि वह सबको ऐसा घर दें, जिसमें बिजली-पानी-शौचालय और गैस सिलिंडर की पहुंच हो। दरअसल, मोदी सरकार को पहले टर्म में प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय और उज्ज्वला जैसी योजनाओं का बड़ा लाभ मिला और गरीबों के बड़े तबके का वोट मिला। अगले आम चुनाव में भी इसमें हर घर जल को जोड़कर सियासी प्रीमियम लेना चाहते हैं।

5 – नई घोषणाओं का वक्त नहीं
पीएम मोदी ने अपने नौवें भाषण में एक भी नई घोषणा नहीं की। पहली बार ऐसा था, जब पीएम मोदी ने एक भी नई योजना का ऐलान नहीं किया। अमूमन पहले टर्म में लाल किले से देश के प्रधानमंत्री मोदी ने नई-नई घोषणाओं का ऐलान किया था। 2014 में जब पहली बार लाल किले से भाषण दिया तो उन्होंने घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी। स्वच्छ भारत अभियान, सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी स्कीम का ऐलान किया था। इसी मौके पर योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग भी किया गया था। 2015 में भी पीएम मोदी ने कई नई घोषणाओं का ऐलान किया। 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने के ऐलान के अलावा स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, वन रैंक-वन पेंशन स्कीम को लॉन्च किया गया। हालांकि 2016 से नई योजनाओं पर फोकस कम होने लगा। साथ ही ऐसे समय जब मुफ्त की योजनाओं पर बहस चालू है, पीएम मोदी ने इससे परहेज किया है।

– महिलाओं पर खास ध्यान
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में महिलाओं के सम्मान से लेकर महिलाओं को ज्यादा मौके देने तक की बात की। हाल के समय में बीजेपी की बड़ी जीत में महिलाओं का खास योगदान माना गया है। पिछले कुछ सालों में हुए तमाम चुनावों के बाद आए आंकड़ों ने इस बात की पुष्टि की कि चुनाव में महिला फैक्टर सबसे बड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद भी पीएम ने कहा था कि इसमें बहुत बड़ा योगदान महिला वोटर्स का है। इसी वोट बैंक पर नजर रखते हुए पीएम ने लालकिले से कहा कि बोलचाल में, व्यवहार में, शब्दों में नारी का अपमान करने की जो विकृति है, उससे मुक्ति का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाएं देश का नाम रोशन कर रही हैं। जितने ज्यादा अवसर बेटियों को दिए जाएंगे, देश उतनी ही तेजी से प्रगति करेगा।

7- अपनी संस्कृति पर जोर
पीएम ने भारतीय संस्कृति पर फिर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत है जिसने भारत को कभी स्वर्णिम काल दिया था। पीएम खुद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं और संघ का हमेशा से फोकस भारतीय संस्कृति और परंपरा पर रहा है। पीएम ने नई शिक्षा नीति का भी जिक्र किया और कहा कि उसमें हमारे संस्कार मिले हुए हैं। साथ ही कहा कि नया कौशल प्रबंधन हमें गुलामी की मानसिकता से आजादी देगा। उन्होंने हर भारतीय भाषा पर गर्व करने की बात भी कही। पिछले कुछ समय से बीजेपी के अजेंडे में नव संस्कृतिवाद रहा है। वे हमेशा इसकी बात करते हैं। अपनी संस्कृति से लेकर अपने नायक तक की पहचान और उन्हें उचित स्थान देने की बात होती रही है। लालकिले से इस बहस को और बढ़ाने के संकेत मिले।

8- आदिवासी समाज पर फोकस जारी
प्रधानमंत्री ने हर समाज के लिए काम करने का जिक्र किया और आदिवासी समाज से जुड़े उन नायकों का नाम लेना भी नहीं भूले, जिनका आजादी के आंदोलन में अहम योगदान रहा है। पीएम ने आदिवासी समाज से आने वाले बिरसा मुंडा सहित कई नायकों के नाम लिए और कहा कि इन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर दूर जंगलों में आदिवासियों के बीच मातृभूमि के लिए जीने मरने की प्रेरणा जगाई। मोदी सरकार का फोकस आदिवासी समाज पर काफी रहा है। हाल ही में बीजेपी की अगुआई में एनडीए ने जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया, तब भी कहा कि उनकी सरकार आदिवासी समाज के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। मुर्मू अब देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं। साथ ही बिरसा मुंडा के जन्म दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। ऐसा माना जाता है कि जो राजनीतिक दल आदिवासी बहुल लोकसभा सीट पर बेहतर प्रदर्शन करता है, वह दिल्ली की सत्ता के बहुत करीब आता है। कांग्रेस ने लंबे समय तक इस तबके की अधिकतर सीटों पर अपना प्रभुत्व रखा, लेकिन 2014 से बीजेपी ने इस ट्रेंड को बदल दिया। देश में लगभग सौ से अधिक आदिवासी बहुल लोकसभा सीटों पर भी बीजेपी अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है।

9- जनभागीदारी का संदेश
प्रधानमंत्री ने कई अभियानों में जनभागीदारी की बात कर यह संदेश भी दिया कि उन्हें मिला जनादेश कितना बड़ा है और देश की जनता का सपोर्ट अब भी उनके साथ है। पीएम ने कहा कि कोराना काल में एकजुटता दिखाने के लिए थाली बजाने से लेकर, कोरोना योद्धाओं को सपोर्ट देने के लिए दिया जलाने तक और जिस तरह तिरंगा यात्रा में लोग तिरंगा लेकर घरों से निकले, उसने दिखाया कि भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है। पीएम ने इसी बहाने कोरोना वैक्सीन में भारत की सफलता का जिक्र भी कर दिया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया वैक्सीन को लेकर असमंजस में थी, तब भारत के लोगों ने 200 करोड़ डोज लगवाईं। दरअसल, वैक्सीन को लेकर विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधता रहा था और पीएम का लालकिले से यह कहना उनको भी एक जवाब था। पीएम ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता का क्या महत्व होता है और नीतियों में कैसा सामर्थ्य होता है,यह भारत ने दिखाया है। दरअसल 2014 से जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं,तब से जनभागीदरी उनकी सबसे बड़ी ताकत रही है।

10- आत्मनिर्भर भारत से राष्ट्रवाद पर निशाना
पीएम के आत्मनिर्भर भारत के नारे की गूंज लालकिले से भी सुनाई दी। पीएम ने कहा कि हम कब तक दुनिया के और लोगों पर निर्भर रहेंगे। उन्होंने जिक्र किया कि किस तरह पहली बार लालकिले पर तिरंगे को सलामी देने के लिए मेड इन इंडिया तोप का इस्तेमाल किया गया। इन तोपों को डीआरडीओ ने विकसित किया है। पीएम ने कहा कि देश की सेना ने 300 ऐसे सामान की लिस्ट बनाई है जो वह भारत से ही लेंगे और दूसरे देशों से नहीं मंगाएंगे। दरअसल रक्षा मंत्री ने ऐसे आइटम की लिस्ट जारी की है जो स्वदेश से ही ली जाएंगी। पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत को न सिर्फ मजबूत इकॉनमी से बल्कि इसे राष्ट्रवाद से सफलतापूर्वक जोड़ा। इसका सियासी लाभ भी उन्हें मिला।

इन 5 मुद्दों से परहेज किया
लाल किले से अपने लंबे संबोधन में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बोलने से परहेज किया जिनके बारे में आशा की जा रही थी कि वह कुछ बोल सकते हैं :

1- महंगाई की स्थिति पर
2- रोजगार के मुद्दे पर
3- अंतरराष्ट्रीय मसलों मसलन रूस-यूक्रेन युद्ध पर
4- पाकिस्तान के मसले पर
5- आठ बरस के रिपोर्ट कार्ड पर

भाषण में शब्दों का इस्तेमाल
32 बार अमृत काल का प्रयोग
31 बार भारत शब्द का प्रयोग
23 बार दुनिया शब्द का प्रयोग
17 बार परिवारवाद शब्द का प्रयोग
17 बार आजादी शब्द का प्रयोग
16 बार गर्व और महिला शब्द का प्रयोग
13 बार विकास और पंच प्रण शब्द का प्रयोग

अगले 25 साल के लिए पंच प्रण गिनाए
– देश को विकसित बनाना है।
– गुलामी की हर सोच से मुक्ति पानी है।
– अपनी विरासत पर गर्व करना है।
– एकता और एकजुटता बनाए रखनी है।
– नागरिक कर्तव्य का पालन करना है।

अपने नायकों को भी याद किया
पीएम मोदी ने सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया और नानाजी देशमुख को भी याद किया गया। हालांकि उन्होंने नेहरू से लेकर तमाम नेताओं को 75 साल के सफर में योगदान के लिए याद किया।

भाषण कितनी देर चला
2022 में 83 मिनट
साल-मिनट
2014-65
2015-86
2016-96
2017-54
2018-82
2019-90
2020-86
2021-88

पीएम ने दिलाए पांच प्रण
– देश को विकसित बनाना है।
– गुलामी की हर सोच से मुक्ति पानी है।
– अपनी विरासत पर गर्व करना है।
– एकता और एकजुटता बनाए रखनी है।
– नागरिक कर्तव्य का पालन करना है।