रियल लाइफ़ रैंचो, 17 सालों से तालाब के पानी से बिजली बना रहा है कर्नाटक का ये किसान

ज़िला दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक (Dakshin Kannada, Karnataka) के 61 वर्षीय किसान सुरेश बालनड (Suresh Balnad) के पिता का सपना था कि वो इंजीनियर बनें. सुरेश की ज़िन्दगी की फ़िलोसॉफ़ी अलग थी. प्रगतिशील विचारधारा के सुरेश ने प्री-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती-बाड़ी करने का निर्णय लिया.

electricity from pond water

की रिपोर्ट के अनुसार, सुरेश ने अपने घर के लिए बिजली बनाने का सस्टेनेबल तरीका (Sustainable Solution) खोज निकाला है. सुरेश ज़मीन से 60 फ़ीट ऊपर खुदे तालाब के पानी से पावर जेनेरेट करते हैं. सुरेश ने विंड टर्बाइन (Wind Turbine) में पाइप (Pipe) फ़िट किया है और इस सिस्टम से ही बिजली बनाते हैं.

17 सालों से 2 किलोवाट बिजली बना रहे हैं सुरेश

सुरेश ने बताया कि वो बार-बार बिजली कटने और लंबे चौड़े बिजली बिल से परेशान हो गए थे. सुरेश ने कहा, “मैं बिजली के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं करना चाहता था. ये सिर्फ़ घरेलू इस्तेमाल के लिए है और अगर बारिश हुई तो हम इसका इस्तेमाल जनवरी तक कर सकते हैं. जब मैं छोटा था तब मैं हर प्राकृतिक संसाधन का प्रयोग करना चाहता था.”

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पहले सुरेश कर्नाटक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को 1400 रुपये तक देते थे और अब सिर्फ़ मिनिमम चार्जेज़ ही देते हैं.

सुरेश के बिजली बनाने के प्लांट को देखने कई लोग आते हैं और उनसे बात-चीत करते हैं. सुरेश स्कूल के बच्चों को भी शिक्षित करने के लिए अपने प्लांट पर बुलाते हैं. सुरेश बिजली बनाने के अलावा भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए भी काम करते हैं. अपने खेत में सुरेश काली मिर्च, नारियल, सब्ज़ियां उगाते हैं.