पुलिस विभाग में भर्ती घोटाला मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी, पद से दें इस्तीफा : मुकेश अग्निहोत्री

हिमाचल प्रदेश पुलिस परीक्षा रद्द होने के बाद विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, ऐसे में पुलिस विभाग में भर्ती घोटाला होने पर मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें, साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है।  

सोलन में पत्रकार वार्ता के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब तक का यह सबसे बड़ा भर्ती घोटाला है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए क्योंकि सरकार ने इस मामले की जांच के लिए जो एसआईटी गठित की है उसमें मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईटी में उन अधिकारियों को शामिल किया है जो पेपर छपने की कमेटी में भी शामिल थे, ऐसे में इस पूरे मामले की सही जांच होगी, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसलिए मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में भी इसी प्रकार से पुलिस भर्ती की परीक्षा का पर्चा लीक हुआ था। उन्होंने कहा कि यदि वर्ष 2020 में हुई पुलिस भर्ती के घोटाले की जांच सही तरीके से होती तो वर्ष 2022 में यह घोटाला न होता और प्रदेश के बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ न होता।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में पर्चा लीक गैंग सक्रिय हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो भी परीक्षाएं आयोजित की गई हैं उनमें कहीं न कहीं पर्चे लीक हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम ठाकुर की सरकार सामने आए इस भर्ती घोटाले को अंत तक दबाने का प्रयास कर रही थी लेकिन जब पूरा मामला फाइलों में आ गया उसके बाद इस परीक्षा को रद्द किया गया है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर भर्ती घोटालों की जांच करवाई जाएगी।