रंगों पर विज्ञान, मनोविज्ञान से लेकर समाजशास्त्र में भी खूब बात हुई है. हर रंग के अपने ‘रौब’ हैं. हर रंग कुछ कहता है. वहीं, हर इंसान के अपने पसंदीदा रंग भी होते हैं. लेकिन, क्या कोई इंसान ऐसा भी हो सकता है कि वो एक-दो रंग को ही बस अपना ले. अपने चारों तरफ़ वह उसी रंग को ढाल ले. जहां देखे वही रंगे.
जी हां. बेंगलुरु में रहने वाले सेवेनराज और उनकी फैमिली ने दो रंग को ही ज़िंदगी का सबसे बड़ा हिस्सा बना लिया है. वह है, Red (लाल) और White (सफेद). उनके कपड़े, गाड़ियां, घर का सामान यहां तक की चप्पल-जूते सबकुछ उन्होंने इन्हीं दोनों रंग में रंगे हुए हैं. अब लोग उन्हें 007 के नाम से बुलाते हैं.
सेवेनराज अपने माता-पिता की 7वीं संतान थे. ऐसे में उनका नाम सेवेनराज पड़ा. वह बेंगलुरु में प्रॉपर्टी डिलींग का काम करते हैं. उन्हें अपनी अलग पहचान बनानी थी. ऐसे में उन्होंने लाल और हरे रंग के इस्तेमाल की शुरुआत कर दी.
शुरुआत यहां से की
सबसे पहले उन्होंने अपनी बाइक का रंग लाल और सफेद किया. फिर कपड़े भी इसी रंग में पहनने लगे. उन्हें ये रंग सूट करने लगा. ऐसे में उनका विश्वास जगा कि इस रंग का प्रयोग करना उनके लिए फायदेमंद है. बस फिर क्या. उन्होंने घर से लेकर हर चीज इसी रंग का कर लिया.
सेवेनराज का कहना है, उनके कपड़े, रुमाल, अंडरवियर, बनियान सबकुछ सिर्फ़ लाल और सफेद हैं. यहां तक कि उनका टूथब्रश, खाने का प्लेस सबकुछ लाल रंग का है. अब ये रंग उनकी और उनके पूरे परिवार की पहचान ब न चुका है.
इसके बाद उन्हें 7 अंक भी सूट करने लगा. ऐसे में उन्होंने उसे भी अपनाना शुरू किया और हर चीज में 7 अंक रखने की कोशिश करते हैं. उनके इस रंगों और अंकों की मान्यता को लेकर काफी बात होती है. बेंगलुरु से लेकर देश-विदेश में भी इस बात पर उनकी चर्चा होती रहती है.