किसानों को राहत: हिमाचल में इस बार 1,000 टन अधिक आएगी ये खाद

हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जैसे जिलों में नमी की पर्याप्त मात्रा होने पर अक्तूबर माह में ही गेहूं की बिजाई कर दी जाती है। ऊना और कांगड़ा के मैदानी क्षेत्र में आलू की फसल जमीन के बाहर आने के बाद 12-32-16 खाद का छिड़काव किया जाता है।

खाद(सांकेतिक)

हिमाचल प्रदेश में किसानों को गेहूं बिजाई, आलू और सब्जियों के लिए 12-32-16 खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस बार पहले के मुकाबले करीब 1,000 टन खाद अधिक आएगी। आने वाले दिनों में गेहूं की बिजाई के सीजन को देखते हुए इफ्को ने इस बार खाद की अधिक डिमांड भेजी है। सोमवार को खाद की खेप प्रदेश भर में इफ्कों के गोदामों में पहुंचना शुरू हो जाएगी। हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जैसे जिलों में नमी की पर्याप्त मात्रा होने पर अक्तूबर माह में ही गेहूं की बिजाई कर दी जाती है। ऊना और कांगड़ा के मैदानी क्षेत्र में आलू की फसल जमीन के बाहर आने के बाद 12-32-16 खाद का छिड़काव किया जाता है।

इसी तरह हरी सब्जियों के लिए भी इस खाद की आवश्यकता रहती है। पहले प्रदेश भर के लिए करीब 2,500 टन 12-32-16 खाद की सप्लाई भेजी जाती थी, लेकिन कई बार उस खेप से सभी किसानों की जरूरत पूरी नहीं हो पाती। इस बार 3,500 टन खाद प्रदेश के सभी जिलों के लिए पहुंचेगी। यह खेप रविवार तक होशियारपुर पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद मांग के हिसाब से इस सभी जिलों में वितरित किया जाएगा। ऊना और कांगड़ा जैसे राज्य जहां गेहूं के साथ अन्य फसलों की खेती की जाती है, वहां खाद की खेप अधिक भेजी जाएगी।

प्रदेश में खेती की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। इसलिए खाद की मांग भी बढ़ी है। किसी प्रकार का खाद संकट पैदा न हो, इसके लिए अधिक खाद की मांग की गई है। अगले सप्ताह की शुरूआत में खाद गोदामों में पहुंच जाएगी।