कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही (UP Police Constable) का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. ये कांस्टेबल रोते हुए सड़कों पर खराब खाने की शिकायत कर रहा था. हर आने-जाने वाले को अपनी थाली दिखा रहा था. अब फ़िरोज़ाबाद पुलिस लाइन्स (Firozabad Police Lines) के इस सिपाही का 600 किलोमीटर दूर गाज़ीपुर (Ghazipur) ट्रांसफ़र कर दिया गया है.
‘अगर किसी ने सुन ली होती तो ये नहीं करना पड़ता’
अगस्त 2022 में 26 साल का सिपाही का वीडियो वायरल हुआ था. फ़िरोज़ाबाद पुलिस लाइन्स के सामने खड़े होकर ये सिपाही खाने की गुणवत्ता के बारे में दुनिया को बता रहा था.
वीडियो में सिपाही ने कहा था, ’12 घंटे की ड्यूटी के बाद क्या सिपाही ये खाना खा सकता है. ये रोटी आप कुत्तों को डाल दीजिए. क्या आपके बेटा-बेटी ये खा सकते हैं?’ सिपाही ने ये भी कहा कि अगर विभाग में किसी ने उसकी सुन ली होती तो उसे ये नहीं करना पड़ता. दिल को तोड़ देने वाले इस दृश्य को बहुत से लोगों ने देखा, इस पर चर्चाएं और बहसें हुई.
पुलिस विभाग ने क्या किया?
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने चिंता जताई की कहीं सिपाही की नौकरी न चली जाए. विभाग की तरफ़ से ये कहा गया कि सिपाही का नाम मनोज कुमार है और वो हमेशा ड्यूटी से अनुपस्थित ही रहते हैं. इस सिपाही पर ‘गैर ज़िम्मेदारी, झगड़ालू प्रवृत्ति, कर्तव्य के प्रति लापरवाह’ होने के भी आरोप लगे.
फ़िरोज़ाबाद पुलिस ने ट्वीट करके कहा- ‘उल्लेखनीय है कि उक्त शिकायतकर्ता आरक्षी को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी व लापरवाही से सम्बन्धित 15 दण्ड विगत वर्षो में दिये गये है’. इसके साथ ही वीडियो पर संज्ञान लेते हुए मेस के खाने की जांच की जाएगी.
वीडियो वायरल होने के बाद लंबी छुट्टी पर भेजा
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बाद सिपाही को लंबी छुट्टी पर भेजा गया. मनोज कुमार ने कहा था कि उन्हें ज़बरदस्ती छु्ट्टी पर भेजा जा रहा है और उनकी नौकरी खतरे में है. मनोज का दावा था कि उसके खिलाफ़ कोई जांच नहीं चल रही है और विभाग उसे ‘पागल’ साबित करने और छवि खराब करने में लगा है.
बिना कारण दिए किया ट्रांसफ़र
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डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की तरफ़ से आए नोटिस के अनुसार मनोज कुमार को फ़िरोज़ाबाद से 600 किलोमीटर दूर गाज़ीपुर ट्रांसफर कर दिया गया है. ज़िला अलीगढ़ के मनोज ने कहा, ‘मेरे घर में दो छोटे भाई और 1 बिन ब्याही बहन समेत 6 सदस्य हैं. मेरे माता-पिता बूढ़े हैं और उनका इलाज चलता रहता है. मैं 600 Km दूर ड्यूटी करते हुए उनका ख्याल कैसे रखूंगा.’
मनोज के एक सहकर्मी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘दुख की बात है कि उसके जैसे ईमानदार व्यक्ति के साथ ऐसा हो रहा है. वो बहुत साधारण परिवार से आता है, उसके दो भाई आज भी मज़दूरी का काम करते हैं. वो खुद बाल मज़दूरी करने के साथ ही पढ़ाई भी करता था.’
क्या मनोज को उसकी ईमानदारी और एक ज़रूरी मुद्दे को उठाने की सज़ा मिली? अपने विचार कमेंट बॉक्स में बताएं और इंडिया टाइम्स हिंदी से जुड़े रहिए.