एचपीएमसी ने अपने सीए स्टोर का किराया बागवानों के लिए 2 रुपये किलो प्रति माह घोषित किया है, जबकि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में निजी कोल्ड स्टोर का किराया 1.40 पैसे किलो प्रति माह है।
मंडियों में सेब के दाम गिरने के बाद हिमाचल प्रदेश के बागवान अपना सेब किराये पर सीए (कंट्रोल्ड एटमोस्फेयर) स्टोर में रखने को मजबूर हैं, लेकिन सरकारी सीए स्टोर का महंगा किराया बागवानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। एचपीएमसी ने अपने सीए स्टोर का किराया बागवानों के लिए 2 रुपये किलो प्रति माह घोषित किया है, जबकि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में निजी कोल्ड स्टोर का किराया 1.40 पैसे किलो प्रति माह है। हर साल मंडियों में सेब के रेट गिरने पर बागवान करीब डेढ़ लाख मीट्रिक टन सेब सीए स्टोर में डालते हैं, ताकि पांच महीने बाद दाम सुधरने पर सेब बेच सकें
एचपीएमसी के सीए स्टोरों का किराया अधिक होने के कारण बागवान बाहरी राज्यों के सीए स्टोर का रुख करने को मजबूर हो गए हैं। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि सरकारी एजेंसी होने के नाते एचपीएमसी का काम रेट नियंत्रित करना है, अगर एचपीएमसी के रेट कम होंगे तो निजी कंपनियों को भी कम रेट पर सुविधा उपलब्ध करवानी पड़ेगी, लेकिन एचपीएमसी के रेट निजी कंपनियों से अधिक हैं। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान का कहना है कि सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी की बैठक में एचपीएमसी के सीए स्टोर के रेट कम करने की मांग उठाई गई थी, कमेटी ने इसे लेकर आश्वासन दिया था बावजूद इसके किराये में कोई कटौती नहीं की गई
लागत बढ़ी पर नहीं बढ़ाया किराया : हितेश
एचपीएमसी के महाप्रबंधक हितेश आजाद का कहना है कि सीए स्टोर के संचालन की लागत बढ़ने के बावजूद बीते साल के मुकाबले किराये में बढ़ोतरी नहीं की गई है। निजी फर्मों के लिए 2.11 पैसे और बागवानों के लिए 2 रुपये किलो प्रति माह किराया रखा गया है। निजी सीए स्टोर साल में 12 महीने काम करते हैं, इसलिए कम किराये में काम कर सकते हैं एचपीएमसी के स्टोर सिर्फ सेब के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। इसलिए किराये में कटौती संभव नहीं है।
पांच महीने का होता है लॉक इन पीरियड
कोटखाई के गुम्मा, रोहड़ूू, जरोल टिक्कर और कुमारसेन केडी में एचपीएमसी के चार सीए स्टोर चल रहे हैं। इनकी कुल क्षमता 2,640 मीट्रिक टन है। सीए स्टोर में सेब रखने पर लॉक इन पीरियड 5 महीने का होता है। एक बार सीए स्टोर के चैंबर में सेब रखने के बाद बागवान 5 महीने बाद ही इसे बाहर निकाल सकते हैं। परवाणू में एचपीएमसी का 3,000 मीट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोर भी है।