हिमाचल में जान को खतरे में डाल “Dog” का रेस्क्यू, शायद ही सुना हो ऐसा साहसिक कार्य

वैसे तो रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) के कई साहसिक कार्यों की मिसाल सामने आती रही है। हाल ही में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के जांबाजों ने झारखंड में रोपवे में फंसे पर्यटकों को अपनी जान को जोखिम में डालकर बचा लिया था।

यहां, हम आपको एक ऐसे हीरो सोनू ठाकुर (Sonu Thakur) की दास्तां बताने जा रहे हैं, जिसने एक बेजुबान के लिए अपनी जान को खतरे में डाल दिया। एक बेजुबान कुत्ते पर भी वो कहावत चरितार्थ हुई, जिसमें कहा गया है कि ‘जाको राखे साईयां, मार सके न कोए’।

      रूद्रनाग-मणिकर्ण घाटी (Rudranag-Manikaran Valley) में ऊंचाई से एक कुत्ते (Dog) का पांव फिसला। चूंकि कुदरत ने उसकी मौत नहीं लिखी थी, लिहाजा तिरछी चट्टानों के बीच फंस गया। यहां से गुजरने वाला हरेक पर्यटक व स्थानीय निवासी कुत्ते के प्रति अपनी संवेदनाएं तो प्रकट कर रहा था, लेकिन हर कोई जानता था कि उसे सुरक्षित बाहर निकालना नामुमकिन है।

     सोनू ठाकुर परिवार के साथ खीर गंगा के लिए गुजर रहे थे। उन्होंने पाया कि लोग झांक कर चट्टान (Rock)  की तरफ देख रहे हैं। सोनू मौके पर पहुंच गए, पाया कि नीचे कुत्ता तड़प रहा है। यहीं से सोनू ने कुत्ते को रेस्क्यू करने का मन बना लिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीम गठित की गई। इसमें मनोज ठाकुर, विजय ठाकुर व ललित कुमार को भी शामिल किया गया। टीम भुंतर (Bhuntar) से रवाना हुई। बरशैणी से दो घंटे पैदल ट्रैक करने के बाद रूद्रनाग पहुंचे।

पूरी तैयारी के साथ सोनू ठाकुर आड़ी-तिरछी चट्टानों (Peek Rocks) की खाई में उतर गए। सोनू ने नीचे पहुंचते ही पहले कुत्ते को खाना (food) दिया। इसके बाद उसे रस्सियों (Rope) के सहारे बांधकर ऊपर भेजा।

  रेस्क्यू (Dog Rescue) के दौरान काफी संख्या में पर्यटक भी मौजूद थे। इंसानियत  (Humanity) की ऐसी मिसाल देखकर टूरिस्ट भी टीम की हौंसला अफजाई कर रहे थे। वैसे सोनू ठाकुर की कुल्लू व मनाली घाटी (Manali Valley) में एक स्नेक कैचर (Snake Catcher) के तौर पर पहचान है। जीवन में अब तक 687 सांप पकड़ चुके हैं। सांपों को पकड़कर सुरक्षित रेस्क्यू कर चुके हैं।

विशेष बातचीत के दौरान सोनू ठाकुर ने कहा कि इस तरह का रेस्क्यू ऑपरेशन पहली बार किया है। एक सवाल के जवाब में सोनू ने कहा कि खाई में उतरने में डर लग रहा था। लेकिन वो कुत्ते को सुरक्षित रेस्क्यू करने की हठ कर चुके थे। समूचे इलाके में सोनू के इस साहसिक कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। सोनू ने कहा कि इस रेस्क्यू में प्रकाश फाउंडेशन का भी सहयोग मिला है।