प्रारंभिक शोध में अदरक के अवशेष पर ढिंगरी मशरूम तैयार कर ली गई है। शोध से जांचा जा रहा है कि अदरक के अवशेष पर ढिंगरी मशरूम तैयार करने पर इसके गुण भी इसमें आए हैं या नहीं।
अब मशरूम में स्वाद के साथ इसमें तुलसी, अदरक, लेमन ग्रास समेत अन्य औषधीय गुण भी मिलेंगे। खुंब अनुसंधान निदेशालय के वैज्ञानिक औषधीय पौधों के अवशेषों पर ढिंगरी मशरूम उगा रहे हैं। प्रारंभिक शोध में अदरक के अवशेष पर ढिंगरी मशरूम तैयार कर ली गई है। शोध से जांचा जा रहा है कि अदरक के अवशेष पर ढिंगरी मशरूम तैयार करने पर इसके गुण भी इसमें आए हैं या नहीं। लेमन ग्रास और तुलसी पर भी शोध चल रहा है। अगर प्रशिक्षण सफल रहा तो मशरूम बेहतरीन आहार के साथ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के गुणों के साथ तैयार होगी।
इस शोध पर डीएमआर सोलन के वैज्ञानिक डॉ. बृज लाल अत्री और डॉ. अनुराधा काम कर रहे हैं। देशभर में वर्तमान में ढिंगरी मशरूम गेहूं के भूसे, गन्ने की खोई, पराली समेत पराली पर भी तैयार की जा रही है। खुंब निदेशालय पहली बार औषधीय पौधों पर मशरूम तैयार करने का शोध कर रहा है। अदरक के अवशेष पर ढिंगरी मशरूम उगाने का शोध सफल रहा है। इसमें तैयार मशरूम को सुखाकर इसमें मौजूद गुणों की जांच की जा रही है। सफलता मिलने के बाद किसानों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि मशरूम स्वाद के साथ यह औषधीय गुणों से भरपूर होगी।
निदेशालय के वैज्ञानिक औषधीय पौधों के अवशेषों पर ढिंगरी मशरूम तैयार करने का शोध कर रहे हैं। अदरक उगाने का सफल शोध रहा है। अब इसके गुणों की जांच की जा रही है। तुलसी, लेमन ग्रास पर भी ढिंगरी मशरूम उगाने का काम किया जा रहा है। इसके बाद इसके गुणों की भी जांच होगी। यह मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर होगी।– डॉ. वीपी शर्मा, निदेशक, खुंब अनुसंधान निदेशालय सोलन