सलोगड़ावासी आक्सीजन नही बल्कि ज़हर लेने को मजबूर : सुप्रीम कोर्ट का खटकाएंगे दरवाज़ा 

सलोगड़ावासी आक्सीजन नही बल्कि ज़हर लेने को मजबूर है। जिसकी जिम्मेदार नगर निगम सोलन है यह आरोप सलोगड़ा वासियों ने नगर निगम पर लगाए उन्होंने कहा कि नगर निगम की कूड़ा डंपिंग साइट उनके लिए वर्षों से परेशानी का सबब बनी हुई है नगर निगम पर कई बार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और एनजीटी द्वारा सख्त कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है उन्होंने कहा कि इस डंपिंग साइट से लगातार प्रदूषण हो रहा है और गंदगी से उड़ती दुर्गंध उनका जीना मुहाल कर रही है लेकिन अधिकारी केवल अपने कार्यालय में बैठकर कुंभकरण की नींद सो रहे हैं इसलिए अब सभी ने नगर निगम सोलन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। एनजीटी के निर्देषा नुसार नगर निगम को लेगेसी उठाने के निर्देश दिए थे लेकिन वह  बहुत ही धीमी चाल से उठाया जा रहा है। जिसकी वजह से कूड़े का ढेर बढ़ता ही जा रहा है।
रोष जताते हुए डॉक्टर करण  ने कहा कि नगर निगम सोलन के खिलाफ वह एनजीटी और हाईकोर्ट तक गए थे जिसके चलते नगर निगम सोलन को लाखों रुपए का जुर्माना भी किया गया था लेकिन उसके बावजूद भी कूड़ा प्रबंधन पर कोई भी सुधार उनके द्वारा नहीं किया गया और जो स्थिति आज से वर्षों पहले थी आज भी वही स्थिति नजर आ रही है डंपिंग साइट में कूड़ा तो आ रहा है लेकिन शायद वहां से उठाया नहीं जा रहा है जिसके चलते लगातार कई किलोमीटर तक दुर्गंध फैली रहती है उन्हें डर है कि अगर इसी तरह से दुर्गंध फैलती रही तो आने वाले समय में क्षेत्रवासी कैंसर जैसी घातक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं इसलिए अब वह आर पार की लड़ाई के लिए मन बना चुके हैं अब वह जल्दी सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले हैं उन्होंने कहा कि जब तक नगर निगम कूड़ा प्रबंधन को ठीक नहीं करती है तब तक वह अपनी जंग जारी रखेंगे उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं नगर निगम मेयर या कमिश्नर का कार्यालय इस डंपिंग साइट पर होना चाहिए ताकि वह भी जान सके आखिर किस तरह से लोग इस क्षेत्र में रहने को मजबूर है।