काम करने का नेचर किस तरह बदल रहा है उसे उदाहरण हैं तखागत. आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई तो जरूर की, लेकिन पढ़ाई के बाद किसी भी कंपनी में नौकरी की कोशिश नहीं की. नई राह पकड़ी. सीधे ऑर्गेनिक खेती शुरू की और सफ भी रहे. 3 साल की मेहनत में अब वह 9 लाख रुपये सलाना कमा रहे हैं.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले तीन साल से वह खेती के साथ-साथ पशुपालन और जैविक खाद बनाने का भी काम कर रहे हैं. उनके पास गौशाला भी है, जहां 17 गायें हैं. उन्होंने गोबर गैस प्लांट भी तैयार किया है. इसके गैस से ही उनके घर का काम चलता है.
साल 2016 में आईआईटी ब़ॉम्बे से पढ़ाई पूरी करने के बादव ह गांव लौट आए और ऑर्गेनिक खेती शुरू की. उन्होंने खेती-किसानी को एक प्रोफेशन की तरह चुना और लग गए काम करने. उन्होंने सबसे पहले थोड़ी जमीन पर जैविक खेती शुरू की.
वह चाहते हैं कि उनके किसी कस्टमर्स को किसी भी जरूरत के लिए किसी के पास न जाना पड़े. अनाज, फल, सब्जी से लेकर मसाले तक सबकुछ उनके खेत से ही उनको मिले. इसके लिए उन्होंने व्हाट्सऐप ग्रुप भी बना लिया है. इसमें हर चीज की सप्लाई की कोशिश रहती है.
तथागत आज 18 एकड़ में 17 फसलें उगा रहे हैं. इसमें मोरिंगा, आंवला, हल्दी, अदरक, लेमन ग्रास और चना जैसी फसलें हैं. अभी वह प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं. ऐसे देखें तो वह सलाना 9 लाख रुपये कमा रहे हैं.