डब्ल्यूएचओ के साथ चिकित्सकों के किए शोध में खुलासा, क्षय रोगियों के लिए वरदान बन रहा योग

योग करने वाले क्षय रोगियों में छह माह में काफी रिकवरी देखी गई जबकि आमतौर पर आठ से 10 महीने में भी मरीज बिना योग के इतना जल्दी रिकवर नहीं हो पाता।

सांकेतिक तस्वीर

क्षय रोगियों को ठीक करने के लिए अब दवाओं के साथ-साथ योग क्रियाएं भी करवाई जाएंगी। इससे रोगियों के फेफड़े काफी तेजी से ठीक (रिकवर) होंगे। इसका खुलासा सोलन के चिकित्सकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के संयुक्त शोध में हुआ है। चिकित्सकों ने 45 मरीजों पर यह शोध किया है। इन्हें दवाओं के साथ-साथ योग क्रियाएं भी करवाई गईं और परिणाम सकारात्मक रहे।

योग करने वाले रोगियों में छह माह में काफी रिकवरी देखी गई जबकि आमतौर पर आठ से 10 महीने में भी मरीज बिना योग के इतना जल्दी रिकवर नहीं हो पाता। इन सभी मरीजों के फेफड़े काफी तेजी से रिकवर हो रहे थे। यह मरीज सुबह और शाम को योग आसन कर रहे हैं। हालांकि यह सभी काफी हद तक अभी ठीक हैं। अब विभाग सभी टीबी मरीजों को रोज योग क्रियाएं करवाएगा।  उधर, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि अब टीबी मरीजों को भी योग क्रियाएं करवाई जा रही हैं जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। अगर योग करने के बाद भी कोई दिक्कत आती है तो वह चिकित्सक की सलाह ले सकता है।

फेफड़ों को होता है नुकसान
क्षय रोग (टीबी) में फेफड़े को नुकसान होता है। इससे वॉल्यूम (केसियस ट्यूबरकल, कैल्सीफिकेशन, फाइब्रोसिस या कैविटेशन), हाइपोक्सिया, हाइपरकेपनिया, टाइप-2 सांस लेने में भी काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इन सब चीजों को रिकवर करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एके सिंह समेत डब्ल्यूएचओ की टीम ने मिलकर शोध किया। इस प्रक्रिया में 22 रोगी ऐसे थे, जो रोजाना योग क्रियाएं करते थे। 23 रोगी ऐसे थे जो नियमित योग नहीं कर रहे थे। इस दौरान पाया गया कि योग आसन करने वाले 22 रोगी जल्दी ठीक हुए।

इन आसनों से ठीक होती है बीमारी
आसन    समय
पद्मासन    50 मिनट
भस्त्रिका    7 मिनट
कपालभाति    7 बार
अनोलोम-विलोम    20 मिनट
इसके अलावा भुजंगासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, उत्तानपादासन, नौकासन, कोणासन, मंडुकासन, उष्ट्रासन, उज्जेयी आसन सेे फेफड़ों को काफी मदद मिलती है।