Study में खुलासा : झूठ बोलने में महिलाओं से ज्यादा माहिर होते हैं पुरुष

 

यूं तो महिला और पुरुषों में कौन ज्यादा झूठ बोलता है इसे लेकर बहस छिड़ी रहती है लेकिन अब एक स्टडी (Study) में भी खुलासा हो गया है कि झूठ बोलने में पुरुष ज्यादा माहिर होते हैं। यही नहीं, पुरुष झूठ (Lie) बोलने के बाद इससे पाक-साफ बच निकलने में भी माहिर हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्स्टमाउथ, यूके द्वारा की गई एक स्टडी के रिजल्ट में सामने आया कि पुरुष टेक्स मैसेज और सोशल मीडिया के बजाय फेस-टू-फेस अधिक झूठ बोलते हैं।

 

शोध में पता चला कि जो लोग बातचीत करने में बेहतर होते हैं वे लोग दूसरों की तुलना में कहीं अधिक सफाई से झूठ बोलते हैं। झूठ बोलने वाले लोग अपनी फैमिली, फ्रेंड्स, लव-पार्टनर और कॉलीग्स से सबसे अधिक झूठ बोलते हैं। हालांकि ये सोशल मीडिया पर भी अपनी बात मुखर तरीके से रखते हैं लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social media platform) पर सबसे कम झूठ बोलते हैं।

शोध से जुड़ी ब्रियाना वेरिजिन का कहना है कि हमने शोध में पाया कि जेंडर और झूठ बोलने वाले लोगों के बीच एक शानदार लिंक है। पिछली स्टडीज में सामने आया था कि हर इंसान प्रतिदिन 1 से 2 बार झूठ बोलता है लेकिन इसके आगे की स्टडी में परिणाम कुछ बदल गए। पिछले शोध में सामने आया कि हर व्यक्ति हर रोज कुछ ना कुछ झूठ बोले ऐसा जरूरी नहीं है। बल्कि कुछ पर्टिकुलर लोग ही होते हैं, जो हर रोज झूठ बोलते हैं और ये झूठ बोलने में माहिर होते हैं।

स्टडी में कहा गया कि चीटर्स की कुल संख्या में से बहुत ही कम चीटर्स ऐसे होते हैं, जो कुल झूठ का 40 प्रतिशत तक झूठ बोलते हैं। शोध में शामिल 194 लोगों को सवालों की एक सीरीज दी गई, जिनका उन्हें जबाव देना था। इनमें यह सवाल भी शामिल था कि वे खुद को कितना बेहतर लायर (Liar) मानते हैं और पिछले 24 घंटे में उन्होंने कितनी झूठ बोले हैं। इन लोगों में आधे पुरुष और आधी स्त्रियां थी। शोध में जो मजेदार बात सामने आई वह यह है कि ज्यादातर लोग ऐसे झूठ बोलते हैं, जो सच के बहुत करीब होते हैं। बस वे किसी भी विषय को लेकर, जिसमें झूठ बोल रहे हैं, उस बारे में पूरी जानकारी नहीं देते हैं। शोध में सामने आया कि झूठ बोलने में माहिर लोग फेस-टू-फेस झूठ बोलते हैं। परिवार, दोस्तों, सहयोगियों से बोले गए ज्यादातर जूठ सच के इर्द-गिर्द होते हैं लेकिन सच नहीं होते हैं। मजेदार बात यह है कि झूठ बोलने की योग्यता का पढ़ाई के स्तर से कोई लेना-देना नहीं है।