बारिश के लिए सदियों पुरानी परंपरा को किया पुनर्जीवित, इंद्रदेव को मनाने ‘केहलूर नाग देवता’ के द्वार पहुंचे

हिमाचल के चंबा में पानी नहीं बरसने से आहत कोट जुखराडी क्षेत्र के लोगों ने आज ‘केहलूर नाग देवता’ के द्वार पर दस्तक दी है. उन्होंने वर्षा के लिए गुहार लगाई है. मनन वर्षा के आगमन के लिए सदियों पुरानी परंपरा को क्षेत्र के लोगों ने पुनर्जीवित किया, जिसका निर्वहन वे लगभग 20 सालों से बिसरा चुके थे. कोट जुखराड़ी स्थित प्राचीन कहलूर नागराज के मंदिर से रावी नदी के तट तक नागराज मंदिर के बाहर स्थापित नागराज के वाहन जो त्रिशूल का प्रतिरूप होता है, उसे विभिन्न वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनियों और क्षेत्रवासियों के जयघोष के साथ रावी नदी के किनारे पूरी आस्था और विधि विधान के साथ स्थापित किया गया और इसका असर ये हुआ कि मौसम बदला और इलाके में बूंदाबांदी हो गई.