Revolt in Russia: रूस में पुतिन के खिलाफ जनता का विद्रोह, अब सांसद भी हुए लामबंद, जबरन सैन्य तैनाती पर बौखलाए

रूस में असैन्य नागरिकों को जबरन सेना में भर्ती होने के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने गारंटी दी थी कि सिर्फ स्पेशल मिलिट्री स्किल या सैन्य अनुभव वाले लोगों को ही इसमें भर्ती किया जाएगा। रूसी लोग इसी बात से नाराज हैं कि व्लादिमीर पुतिन की सरकार टीवी पर किए गए वादों के उलट बिना सैन्य अनुभव वाले लोगों को जबरन सेना में भर्ती कर रही है।

मॉस्को: रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई है। राजधानी मॉस्को, सबसे बड़े व्यापारिक शहर सेंट पीटर्सबर्ग और व्लादिवोस्तोक में जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग 3 लाख रिजर्व रूसी सैनिकों की तैनाती के फैसले का विरोध कर रहे हैं। रूस के दो सबसे वरिष्ठ सांसदों ने रविवार को रूसी सेना के मोबिलाइजेशन को लेकर पुतिन की आलोचना की। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को स्थिति से निपटने और जनता के गुस्से को भड़काने वाली ज्यादतियों को तेजी से हल करने का आदेश दिया।

देश छोड़कर भाग रहे रूसी नागरिक
पुतिन ने तीन दिनों पहले ही द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार रूस की पली सैन्य लामबंदी का आदेश दिया था। उनके इस आदेश के बाद पूरे रूस में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। बड़ी संख्या में लोगों को रूस छोड़कर दूसरे देशों की तरफ जाते हुए भी देखा गया। इस कारण रूस के मित्र देशों की सीमा चौकियों पर भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई। इतना ही नहीं, फ्लाइट के टिकरों की भी मारामारी देखी गई थी।

जबरन लोगों को सेना में किया जा रहा भर्ती
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई असैन्य रूसी नागरिकों को भी सेना में भर्ती होने के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने गारंटी दी थी कि सिर्फ स्पेशल मिलिट्री स्किल या सैन्य अनुभव वाले लोगों को ही इसमें भर्ती किया जाएगा। रूसी लोग इसी बात से नाराज हैं कि व्लादिमीर पुतिन की सरकार टीवी पर किए गए वादों के उलट बिना सैन्य अनुभव वाले लोगों को जबरन सेना में भर्ती कर रही है।

Russian police officers detain a person during a rally in Moscow.

पुतिन के करीबी सांसदों ने जताया गुस्सा
ऐसे में पुतिन के करीबी रूस के शीर्ष दो सांसदों ने जनता के गुस्से को खत्म करने के लिए मोर्चा संभाला। रूस के उच्च सदन फेडरेशन काउंसिल की अध्यक्ष वेलेंटीना मतवियेंको ने कहा कि उन्हें उन लोगों के बारे में रिपोर्ट मिली है, जो रिजर्व सैनिकों की तैनाती के लिए बुलाए जाने के अयोग्य हैं। उन्होंने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक पोस्ट में कहा कि इस तरह की ज्यादती बिल्कुल अस्वीकार्य है। और, मैं इसे बिल्कुल सही मानती हूं कि वे समाज में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर रहे हैं।

Russian police officers detain a person during a rally in Moscow (1).

सांसद की चेतावनी- शिकायतें मिल रही हैं
रूस के निचले सदन स्टेट ड्यूमा के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोडिन ने भी एक अलग पोस्ट में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘शिकायतें मिल रही हैं। अगर कोई गलती हुई है तो उसे सुधारना जरूरी है… अधिकारियों को हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि मोबिलाइजेशन में 300,000 और रूसी नागरिकों को सैन्य सेवा के लिए बुलाया जाएगा। स्वतंत्र रूसी मीडिया आउटलेट्स में दो अलग-अलग रिपोर्टों के बाद, क्रेमलिन ने दो बार इनकार किया है कि वास्तव में दस लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया जा रहा है।