रिया चक्रवर्ती देती थीं सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स: एनसीबी- प्रेस रिव्यू

रिया चक्रवर्ती

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में बुधवार को चार्जशीट दायर की, जिसमें उसने रिया चक्रवर्ती पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती पर सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप लगाया है.

द हिंदू अख़बार की ख़बर के अनुसार, चार्जशीट में एनसीबी ने आरोप लगाया है कि रिया चक्रवर्ती सुशांत के लिए ड्रग्स रिसीव करती थीं और वही सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स देती भी थीं.

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14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत अपने बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे.

उनकी मृत्यु को आत्महत्या बताते हुए मुंबई पुलिस के प्रवक्ता और पुलिस उपायुक्त प्रणय अशोक ने उस वक़्त कहा था, “यह आत्महत्या का मामला है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालाँकि अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.”

रिया चक्रवर्ती को 8 सितंबर 2020 को आत्महत्या के लिए उकसाने और भारतीय दंड संहिता की कई दूसरी धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि बाद में 7 अक्टूहर 2020 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी.

एनसीबी ने बुधवार को दायर ड्राफ़्ट मे आरोप लगाया है कि रिया ने अपने छोटे भाई शौविक समेत बहुत से दूसरे अभियुक्तों से मारिजुआना की डिलीवरी ली. यह डिलीवरी कई बार हुई और वही वो शख़्स थीं जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स दिए.

एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक़, “रिया चक्रवर्ती ने सैमुअल मिरांडा, शौविक चक्रवर्ती, दीपेश सावंत और कई अन्य लोगों से कई बार गांजे की डिलीवरी ली और उसे सुशांत सिंह राजपूत को सौंपा.”

सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती

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ड्राफ़्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि रिया ने ही मार्च 2020 से लेकर सितंबर 2020 तक मारिजुआना की इन डिलीवरियों के लिए भुगतान भी किया.

28 जुलाई को सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के. सिंह ने पटना के राजीव नगर पुलिस स्टेशन में रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करवाई थी. उन्होंने आईपीसी की धारा 341, 342, 380, 406, 420 और धारा 306 के तहत मामला दर्ज करवाया था.

ये सभी धाराएं चोरी, धोखाधड़ी, आत्महत्या के लिए उकसाने आदि से जुड़ी हुई हैं.

7 अगस्त को सीबीआई ने रिया और उनके छोटे भाई शौविक और अन्य चार लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी.

इस एफ़आईआर में पटना मे दर्ज एफ़आईआर वाली धाराएं तो समान थीं लेकिन दो और धाराएं जोड़ी गईं. सीबीआई की एफ़आईआर में 120-बी और धारा 506 को भी जोड़ दिया गया.

आर्यन ख़ान

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आर्यन ख़ान को कोर्ट से राहत

मुंबई की एक विशेष अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की वो याचिका मंज़ूर कर ली है जिसमें उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए अनुरोध किया था.

क्रूज़ ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन ख़ान को क्लीन चिट दे दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, आर्यन ख़ान ने अपनी ज़मानत की शर्तों के तहत अदालत में अपना पासपोर्ट जमा कराया था. उन्हें हाई-प्रोफ़ाइल ड्रग्स मामले में बीते साल तीन अक्तूबर को गिरफ़्तार किया गया था.

एनसीबी ने ‘सुबूतों के अभाव’ में आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों को छोड़ दिया था.

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बीते 30 जून को आर्यन ख़ान ने एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित विशेष अदालत में पासपोर्ट वापस पाने के लिए अर्जी दायर की थी.

आर्यन की याचिका पर एनसीबी से जवाब मांगा गया था, जिसमें उसने कहा था कि आर्यन को पासपोर्ट लौटाए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.

जिसके बाद बुधवार को स्पेशल जज वी. वी. पाटिल ने कोर्ट के रजिस्ट्रार को आर्यन ख़ान का पासपोर्ट वापस करने के निर्देश दे दिए.

बीते साल तीन अक्तूबर को एक क्रूज पर छापे के दौरान एनसीबी के अधिकारियों ने आर्यन ख़ान को गिरफ़्तार किया था. जिसके बाद ज़मानत मिलने तक आर्यन ख़ान को 20 दिन जेल में बिताने पड़े थे.

वीवो

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वीवो इंडिया को बैंक खाते संचालित करने की अनुमति मिली लेकिन सशर्त

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को चीनी मोबाइल कंपनी वीवो को राहत देते हुए बैंक खाते संचालित करने की अनुमति दे दी है. हालांकि न्यायालय ने कंपनी को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया है.

साथ ही कंपनी को यह भी आदेश दिया है कि वह अपने खाते में मौजूद 251 करोड़ रुपये का बैलेंस बनाए रखे.

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हिंदुस्तान की ख़बर के अनुसार, जस्टिस यशवंत वर्मा ने मोबाइल कंपनी वीवो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. इस याचिका में ईडी की ओर से कंपनी के खातों को फ्रीज़ किए जाने को चुनौती दी गई है.

न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर ईडी को अपना जवाब दायर करने का समय दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को की जाएगी.

बूस्टर डोज़

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अगले 75 दिनों तक मुफ़्त लगेगी कोविड की बूस्टर डोज़

कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए और लोगों को इस संक्रमण के ख़िलाफ़ बूस्ट करने लिए सरकार ने मुफ़्त में कोविड की बूस्टर डोज़ मुफ़्त में देने का फ़ैसला किया है. यह वैक्सीन 18 साल से 59 साल के लोगों को दी जाएगी. सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर यह मुफ़्त में बूस्टर डोज़ लगाई जाएगी.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के तहत अगले 75 दिनों तक सभी सरकारी केंद्रों पर मुफ़्त में बूस्टर जोड़ लगाई जाएगी. यह कार्यक्रम 15 जुलाई से प्रभावी हो जाएगा.

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पीएम मोदी ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है, “कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन एक बेहद कारगर हथियार है. आज कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया यह फ़ैसला भारत में टीकाकरण अभियान को और गति देने वाला और स्वस्थ भारत के निर्माण में सहयोग करने वाला है.”