Muammar Gaddafi UN Speech 2009 : अपने भाषण में गद्दाफी ने कहा कि शायद इन्फ्लूएंजा H1N1 लैब में बनाया गया वायरस था जो नियंत्रण से बाहर हो गया जिसे मूल रूप से एक सैन्य हथियार के रूप में बनाया गया था। लीबियाई नेता ने कहा, ‘पूंजीवादी कंपनियां वायरस पैदा करती हैं ताकि वे वैक्सीन बना सकें और बेच सकें। यह बेहद शर्मनाक और घटिया है।’
न्यूयॉर्क : अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र का 77वां सत्र चल रहा है। दुनिया के अलग-अलग देशों से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री न्यूयॉर्क पहुंच रहे हैं और विश्व को संबोधित कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा से कई ऐतिहासिक पल जुड़े हुए हैं जिन्हें इस वक्त लोग याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक पल था लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर अल-गद्दाफी का 2009 में संयुक्त राष्ट्र में दिया भाषण। गद्दाफी ने 64वीं महासभा को संबोधित किया तो दुनिया उन्हें देखती रह गई। अपने पहले भाषण में गद्दाफी ने पश्चिमी देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सबसे खास बात यह कि गद्दाफी ने 15 मिनट के प्रोटोकॉल को ध्वस्त करते हुए अपना भाषण 90 मिनट में खत्म किया।
अपने भाषण में गद्दाफी ने कहा, ‘इस सत्र का आयोजन कई चुनौतियों के बीच हो रहा है जिनका हम सामना कर रहे हैं। पूरी दुनिया को एक साथ आना चाहिए और हमारी साझा चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयासों को एकजुट करना चाहिए, जिसमें जलवायु परिवर्तन, पूंजीवादी आर्थिक गिरावट, खाद्य और जल संकट, मरुस्थलीकरण, आतंकवाद, समुद्री डकैती, मानव निर्मित और प्राकृतिक महामारी और परमाणु प्रसार शामिल हैं।’
‘अपने फायदे के लिए कंपनियां वायरस पैदा करती हैं’
गद्दाफी ने कहा कि शायद इन्फ्लूएंजा H1N1 लैब में बनाया गया वायरस था जो नियंत्रण से बाहर हो गया जिसे मूल रूप से एक सैन्य हथियार के रूप में बनाया गया था। लीबियाई नेता ने कहा, ‘पूंजीवादी कंपनियां वायरस पैदा करती हैं ताकि वे वैक्सीन बना सकें और बेच सकें। यह बेहद शर्मनाक और घटिया है। वैक्सीन और दवाओं को बेचा नहीं जाना चाहिए। द ग्रीन बुक में, मैंने कहा है कि दवाएं बेची नहीं जानी चाहिए या इनका व्यावसायीकरण नहीं होना चाहिए। दवाएं मुफ्त होनी चाहिए और बच्चों को वैक्सीन मुफ्त में दी जानी चाहिए, लेकिन पूंजीवादी कंपनियां वायरस और वैक्सीन बनाती हैं और लाभ कमाती हैं।’
यूएन हेडक्वार्टर को लीबिया ट्रांसफर करने की मांग
गद्दाफी ने कहा, ‘दवाएं निशुल्क क्यों नहीं है? हमें उन्हें मुफ्त में देना चाहिए।’ संबोधन में मुअम्मर गद्दाफी ने कई अजीबोगरीब प्रस्ताव भी दिए। उन्होंने 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क में अल-कायदा के हमलों का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय को लीबिया स्थानांतरित करने की मांग की ताकि खतरों और असुरक्षा से बचा जा सके। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि इजरायल और फिलिस्तीन को मिलाकर एक नया देश बना देना चाहिए जिसे ‘इजरातीन’ कहा जाए। भाषण में गद्दाफी ने UN सुरक्षा परिषद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज जताते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक पेज फाड़ दिया था।