राइट विंगर जॉर्जिया मेलोनी हो सकती हैं इटली की पहली महिला पीएम, 10 साल पहले बनाई थी पार्टी

इटली (Italy) में चुनाव के बीच ही राइट विंगर जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) के देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। जॉर्जिया, इटली की ब्रदर्स ऑफ इटली की नेता हैं और पिछले कुछ दिनों में उनकी इमेज एक नरम नेता की बनी हैं। पूरे यूरोप की नजरें इन चुनावों पर लगी हुई हैं।

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रोम: इटली में इस समय चुनाव हो रहे हैं और यूरोप बड़ी उम्‍मीदों के साथ इन चुनावों पर नजर रखे हैं। इटली की जनता यह फैसला कर रही है कि वह सबसे दक्षिणपंथी सरकार को चुने या नहीं। इन चुनावों में फिलहाल ब्रदर्स ऑफ इटली की जॉर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने उम्‍मीदें तेज हो गई हैं। अगर जॉर्जिया चुनाव जीतती हैं तो फिर वह देश की पहली महिला पीएम बनेंगी। जॉर्जिया आगे चल रही हैं और उन्‍होंने दो और पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।

सबसे कट्टर नेता
जॉर्जिया को इटली की सबसे कट्टर नेता माना जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से उनके रुख में नरमी आई है। जॉर्जिया ने रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों का समर्थन किया था। साथ ही उन्‍होंने यूक्रेन की जंग में यूरोप के सुर में सुर मिलाया था। अगर जॉर्जिया की ब्रदर्स ऑफ इटली को जीत मिलती है तो द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद पहला मौका होगा जब कोई राइट विंग की पार्टी सरकार बनाएगी।

जॉर्जिया मेलोनी, समलैंगिकता की विरोधी हैं और वह अक्‍सर एलजीबीटी लॉबी के खिलाफ बातें करती आई हैं। इसके अलावा उन्‍होंने लीबिया में नौसेना को ब्‍लॉक कर अप्रवासन रोकने की बात कही है। इटली की आबादी 51 लाख है और रविवार शाम तक वह अपने नए पीएम का फैसला कर लेंगे। जॉर्जिया ने सिल्वियो बर्लुस्कोनी की फ्रोजा इटैलिया पार्टी और मातेयो साल्विनी की लीग पार्टी से हाथ मिलाया हुआ है।

2012 में बनाई पार्टी
इटली के राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि देश में राइट विंग की सरकार बन सकती है। जॉर्जिया ने सन् 2012 में ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की स्‍थापना की थी और आज यह देश की सबसे बड़ी पार्टी बनने की तरफ है। जॉर्जिया रोम की रहने वाली हैं और उन्‍हें एक अक्‍खड़ नेता माना जाता है। वह वर्किंग क्‍लास से आती हैं और उन्‍हें इसका ही फायदा मिल सकता है। उन्‍होंने अपनी पार्टी का नाम राष्‍ट्रीय गान की शुरुआती लाइन के आधार पर रखा है। ब्रदर्स ऑफ इटली एक युद्धघोष है जिसका मतलब है आजादी के लिए मौत।

जनता को काफी उम्‍मीदें
कोविड-19 के बाद इटली की अर्थव्‍यवस्‍था आगे बढ़ने लगी थी लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद यह चरमरा गई। ऊर्जा संकट ने इसमें सबसे बड़ा योगदान दिया। इटली के राजनेता जहां जंग पर बहस कर रहे हैं तो वहीं जनता को इस बात की चिंता है कि वह अपने बिल कैसे अदा करेंगे। नई पीएम जॉर्जिया से जनता को काफी उम्‍मीदें हैं और माना जा रहा है कि वह सत्‍ता में आने के बाद कुछ फैसले ले सकती हैं।