ऋषभ पंत: घर का किराया देने के पैसे नहीं थे, मां करती थीं लंगर सेवा, आज टीम इंडिया के कप्तान हैं

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साउथ अफ्रीका के साथ T20 श्रृंखला के लिए ऋषभ पंत को कप्तान चुना गया. विकेट कीपर-बल्लेबाज़, ऋषभ पंत T20 फॉर्मेट के 8वें कप्तान होंगे. भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 5 टी20 मैच की सीरीज होनी है. पहला मैच, 9 जून को दिल्ली में खेला जाएगा. के एल राहुल और कुलदीप यादव चोटिल होने की वजह से सीरीज से बाहर हो गए हैं. पंत को ये बड़ी जिम्मेदारी मिली है. पंत के फॉर्म पर सवाल उठते रहे हैं लेकिन वे भारत के दूसरे सबसे युवा T20 कप्तान बन गए हैं. 

भारतीय क्रिकेट टीम में अगर इस समय किसी का सितारा बुलंदियों पर है तो वो हैं ऋषभ पंत. पंत ने पिछले कुछ समय से अपने खेल से क्रिकेट प्रेमियों को ही नहीं बल्कि क्रिकेट दिग्गजों को भी काफी प्रभावित किया है. मिसाल के तौर पर आईपीएल के सीजन 14 में जब दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर के चोटिल होने के बाद उन्हें आईपीएल से बाहर होना पड़ा. तब दिल्ली ने ऋषभ पंत को अपना कप्तान बनाया. 

ऋषभ को यह जिम्मेदारी अजिंक्य रहाणे, रविचन्द्र अश्विन, शिखर धवन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद मिली थी. लेकिन, क्या आप जानते हैं जिस ऋषभ के सितारे आज बुलंदियों पर हैं, वो कभी तंगहाली में अपना जीवन बिताने को मजबूर था. मां को बेटे के लिए कई कुर्बानियां देनी पड़ी. कई मुश्किलों का सामना करने के बाद आज ऋषभ पंत ने यह मुकाम हासिल किया है. 

किराया देने के पैसे नहीं थे, मां करती थीं लंगर सेवा

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ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ. बचपन से ही ऋषभ को क्रिकेट खेलने का शौक था. माता पिता भी बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहते थे. प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार में ग्रहण की. इसके बाद साल 2005 में पिता राजेन्द्र पंत रोजी-रोटी और ऋषभ को बेहतर क्रिकेट प्रशिक्षण दिलाने के लिए दिल्ली आ गए. यहां ऋषभ ने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की. 

पिता बेटे को दिल्ली के टॉप क्रिकेट एकेडमी में भर्ती कराना चाहते थे. ऋषभ को कोच के रूप में शिखर धवन के कोच रह चुके तारक सिन्हा का साथ मिला. लेकिन एक समय ऐसा था जब ऋषभ और उनके परिवार का दिल्ली में जीवन-यापन करना कठिन हो गया था. वे तंगहाली में जिंदगी गुजार रहे थे. उनके पास रहने के घर नहीं थे. वे मकान का किराया दे पाने में असमर्थ थे. 

ऐसे में ऋषभ की माँ सरोज ने उन्हें क्रिकेट पर ध्यान लगाने के लिए कहा और खुद मोती बाग़ स्थित गुरूद्वारे में लंगर सेवा का काम करने लगीं. कभी कभार ऋषभ भी गुरूद्वारे में लंगर खाकर अपना पेट भरते. वहीं सो भी जाते. इन मुश्किलों के आगे ऋषभ ने हिम्मत नहीं हारी. वे मेहनत करते रहे. 

गिलक्रिस्ट को देखकर ऋषभ ने खुद को निखारा

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ऋषभ के कोच उनकी विकेट कीपिंग से बहुत प्रभावित हुए थे. लेकिन कोच उन्हें एक अच्छे विकेट कीपर के साथ अच्छे बल्लेबाज बनाना चाहते थे. ऐसे में तारक ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट के बहुत से वीडियो दिखाए. ऋषभ को अपनी बल्लेबाजी को निखारने में वह वीडियो कारगर साबित हुआ. उन्होंने गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते हुए बल्लेबाजी की बारीकियां सीखी.

आगे क्लब से खेलते हुए ऋषभ अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए मशहूर हो चुके थे. जिसकी बदौलत साल 2015 में रणजी ट्रॉफी के लिए दिल्ली टीम में सिलेक्शन हो गया. उस वक़्त ऋषभ की उम्र 18 साल थी. 22 अक्टूबर 2015 को ऋषभ ने अपना पहला रणजी मैच बंगाल के खिलाफ खेला. वहीं 23 दिसंबर 2015 को उन्होंने अपना पहला लिस्ट-ए मैच खेला और अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीता.

अंडर-19 विश्व कप के बाद IPL का टिकट मिला

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2016 में हुए अंडर-19 विश्व कप के लिए ऋषभ को भारतीय टीम में चुना गया. उस टूर्नामेंट में भारत को फाइनल तक पहुँचाने में ऋषभ ने  अहम किरदार अदा किया था. उस दौरान ऋषभ ने महज 18 गेंद में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था. उन्होंने विश्वकप में 6 मैच खेलकर 267 रन बनाए थे. टूर्नामेंट में भारत की तरफ से दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे. 

साल 2016 में विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद आईपीएल की फ्रेंचाइजियों की निगाहें ऋषभ पर थीं. उसी साल दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 10 लाख रूपये के बेस प्राइस से अधिक देते हुए 1.9 करोड़ रूपए में खरीद लिया. इत्तेफाक से जिस दिन दिल्ली डेयरडेविल्स ने ऋषभ को टीम में शामिल किया उसी दिन विश्व कप में उन्होंने शतक लगाया था. 

IPL इतिहास में अब तक का सफर कैसा रहा?

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आईपीएल 2016 के सीजन में ऋषभ ने 10 मुकाबले खेले थे, जिसमें 130 के स्ट्राइक रेट से 198 रन बनाए थे. आईपीएल 2017 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14 मैच में 366 रन बनाए. उस सीजन वो दिल्ली के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे. आईपीएल 2018 में ऋषभ ने अपनी क़ाबलियत का लोहा हर किसी को मनवाया. उन्होंने 14 मैच खेलकर 173.60 की शानदार औसत से 684 रन बनाए थे. 

उस सीजन ऋषभ सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज की सूची में दूसरे पायदान पर थे. वहीं आईपीएल 2019 में ऋषभ ने 16 मैच खेलते हुए 488 रन बनाए थे. इस तरह आईपीएल 2020 में 14 मैच खेलकर उन्होंने 343 रन अपने नाम किए थे. IPL इतिहास में ऋषभ के अब तक का सफर देखे तो उन्होंने आईपीएल में अब तक 69 मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 151.74 की स्ट्राइक रेट से 2094 रन बना चुके हैं. 

ऋषभ पंत के नाम एक से बढ़कर एक रिकार्ड

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आईपीएल और घरेलू मैचों में इनके दमदार प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट टीम के सिलेक्टरों का ध्यान अपनी ओर खींचा. फ़रवरी 2017 में इन्हें भारतीय  टीम में शामिल कर लिया गया. उस दिन ऋषभ और उनके माता-पिता का सपना पूरा हो गया था. ऋषभ ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल टी-ट्वेंटी मैच खेला था. ऋषभ पंत भारत के लिए टी-20 मैच खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे. 

उन्होंने 18 साल 80 दिन की उम्र में यह कारनामा कर दिखाया था. साल 2016-17 में महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रन की जबरदस्त पारी खेली. ऐसा करने वाले भारत के तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने थे. जिसके बाद भारत की तरफ से इन्हें टेस्ट टीम में खेलने का मौका मिला. साल 2018 में इंग्लैंड के ही खिलाफ ऋषभ ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. इसी साल वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना एकदिवसीय डेब्यू मैच खेला. 

इसके अलावा ऋषभ ने 8 नवंबर 2016 को रणजी ट्राफी में महज 48 गेंदों पर शतक बनाने का कारनामा रचा था. वहीं आईपीएल में 1000 रन बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज का रिकॉर्ड भी ऋषभ ने अपने नाम किया था. फिलहाल ऋषभ ने जिन मुश्किलों का सामना करते हुए आज भारत के स्टार खिलाड़ी बने हैं. वो आसान नहीं था. उसके लिए जज्बा और हिम्मत दोनों चाहिए, जो ऋषभ में हैं.