Risky work being done by Asha workers by giving some money: Asha workers

कुछ पैसे दे कर  आशा वर्करों से करवाया  जा रहा जोखिम भरा कार्य  : आशा वर्कर 

हिमसुरक्षा योजना की नीवं आशा वर्कर है | इस योजना की सफलता और विफलता आशा कार्यकर्ताओं पर ही टिकी है | लेकिन सभी आशा वर्कर  निराशा से घिरी नज़र आ रही है | उनका मानना है कि प्रदेश सरकार उनका शोषण कर रही है | उन्हें कोरोना वारियर्स कह कर घर घर भेजा जा रहा है ताकि वह प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की वास्तविक स्थिति का पता लगा सकें और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में सहयोग करें | इस हिम सुरक्षा योजना का आगाज़ हिमाचल में हो चुका है सोलन में पिछले कल  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने किया है | लेकिन  आशा वर्करों ने इस योजना के आरम्भ होते ही अपने मांगों का ज्ञापन  स्वास्थ्य मंत्री को सौंप दिया है | उन्होंने कहा कि वह इस योजना को भी पहले की योजनाओं की तरह सफल बनाना चाहती है लेकिन प्रदेश सरकार  उनकी मांगो की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है जिसके चलते आशा कार्यकर्ता बेहद रोष में है | 
                                आशा कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर कहा कि वह सरकार द्वारा दिए गए हर कार्य को करने के लिए तैयार है लेकिन कोविड  के इस संकट काल में महज  दस्ताने और सैनेटाइजर दे कर उन्हें घर घर भेजा जा रहा है जो बेहद गलत है | उन्होंने कहा कि वह भी इंसान है और उनका भी परिवार है अगर वह खुद और उनका परिवार  सुरक्षित  महसूस नहीं करेगा तो वह दूसरों को क्या सुरक्षा प्रदान करेंगे | इस लिए वह मांग करते है कि प्रदेश सरकार उनके लिए सुरक्षा प्रदान करे | उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रतिदिन उन्हें कुछ पैसे दे कर जोखिम भरा कार्य करवाया जा रहा है | जिसकी वजह से आशा वर्करों में भय का माहौल देखा जा रहा है | उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उन्हें स्थाई पद दिया जाए और उन्हें जैसे पहले दो हज़ार रूपये मिलते थे वह भी बहाल किए जाए |