पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि 30 सालों में सड़क सुरक्षा में सुधार नहीं हो पाया है। सड़क हादसों की खबरें राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं।
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने प्रदेश की सड़कों की खराब हालत पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को खरी-खरी सुनाई। परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो फीसदी सड़कों पर भी क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं। इससे रोजाना सड़क हादसों में कई जानें जा रही हैं। कुंडू ने कहा कि 30 सालों में सड़क सुरक्षा में सुधार नहीं हो पाया है। सड़क हादसों की खबरें राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं। सड़क किनारे क्रैश बैरियर न होने से बीते पांच सालों में 3,000 से अधिक दुर्घटनाओं में 2,600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में सड़कों की लंबाई 38,035 किलोमीटर है और सिर्फ 520 किलोमीटर पर क्रैश बैरियर हैं।
एक ही जगह बार-बार हादसे हो रहे हैं, क्योंकि ब्लैक स्पॉट दुरुस्त नहीं किए जा रहे। पुलिस ने पीडब्ल्यूडी को हर जिले में 10 ऐसी सड़कों की सूची दी है, जहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। प्राथमिकता के आधार पर ऐसी सड़कें सुधारी जानी चाहिएं। उन्होंने सुझाव दिए कि एनएच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिन्हें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ें। शक्तिपीठ वाले शहरों में इंटेलीजेंट रोड ट्रैफिक सिस्टम लागू हो। बैठक में मौजूद परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को डीजीपी के सुझावों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि 6,500 ब्लैक स्पॉट में से 900 सुधार दिए हैं। सरकार को 159 करोड़ का प्लान भेजा है। पैसा मिलते ही अन्य स्पॉट भी सुधारे जाएंगे।
पीएम को टैग कर ट्वीट करते हैं जाम में फंसे लोग
कुंडू ने बताया कि शिमला-मनाली टूरिस्ट हब हैं। अटल टनल देखने भी पूरा साल सैलानी आते हैं। ट्रैफिक जाम में फंसने पर सैलानी सीधे पीएम को टैग कर ट्वीट करते हैं। जाम की समस्या के समाधान के लिए परवाणू-शिमला, कीरतपुर-मनाली और पठानकोट-मंडी हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस स्टेशन स्थापित होने चाहिएं।