73 किलोमीटर लंबी इन सड़कों के लिए केंद्र सरकार ने करीब 83.19 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। सीमा पर विकास होता देख अब चीन भी तिलमिलाएगा। इन सड़कों के पक्का और चौड़ा होने से भारतीय जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने में जहां आसानी होगी, वहीं स्थानीय लोगों भी इससे फायदा होगा।
सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण चीन सीमा से सटे किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले के 36 गांवों को जोड़ने वाली पांच सड़कें चौड़ी और पक्की होंगी। 73 किलोमीटर लंबी इन सड़कों के लिए केंद्र सरकार ने करीब 83.19 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। सीमा पर विकास होता देख अब चीन भी तिलमिलाएगा। इन सड़कों के पक्का और चौड़ा होने से भारतीय जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने में जहां आसानी होगी, वहीं स्थानीय लोगों भी इससे फायदा होगा। गौर हो कि लाहौल-स्पीति की तीन सड़कों को पक्का करने की केंद्र ने पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन जो गांव इन सड़कों से जुड़ने हैं, उन गांवों की सूची लोक निर्माण विभाग ने अब जारी की है। इन सड़कों का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज-तीन के तहत केंद्र ने पैसा स्वीकृत किया है। यह राशि जिला किन्नौर की खादुरा-थोपन सड़क, खाब-टाशिंग सड़क, लाहौल-स्पीति की सिचलिंग-माने-योग्मा सड़क,अटारगो-सगनम- मधुभावा सड़क और लिगटी-रामे लालंगू सड़क पर खर्च होगी।
ये गांव जुड़ेंगे सड़कों से
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि किन्नौर जिले के खादुरा, रारंग खास, शीलापुर, स्वाडेन, नमज्ञा, खाब, खाबो, नमज्ञा खास, टशीगंग गांव सड़क से जुड़ेंगे। वहीं, लाहौल-स्पीति के कले, लंदुपदीन, माने कोगमा, माने योगमा, शिचलिंग, छिड़ांग, गुलिंग, किलमूर, काेंगकाेंग, कुंगरी, मिकिम, मुद, फारका, फुकचुंग, राजगाहो, सगनम, सेलिंग, शेरी, तेलिंग, तकशन, तांगटी गोगमा, तांगटी योगमा, तोदनम, उपरला गुलिंग, छोबरांग, लालुंग खास, लिंगटी, रामा खास, शंगलुंग गांव भी शामिल हैं।