रूसी सैनिकों की लाशों से पटीं यूक्रेन की सड़कें, नाटो देशों का दावा, जंग में रूस के करीब 15 हजार जवानों की मौत

यूक्रेन में पिछले एक महीने से जारी जंग के बीच अब रूसी सैनिकों की लाशों से यूक्रेन की सड़कें पटती जा रही हैं। नाटो देशों का अनुमान है कि यूक्रेन के साथ जंग में रूस के सात हजार से लेकर 15 हजार तक सैनिक मारे गए हैं। उधर, रूस ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यूक्रेन के युद्ध में उसके कितने सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन में कीव के पास से लेकर मयकोलैव इलाके तक रूसी सैनिकों की लाशें बिखरी पड़ी हैं और उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सैनिकों की यह लाशें अब समस्या बनती जा रही हैं। मयकोलैव इलाके के गवर्नर विटाली किम ने स्थानीय लोगों से अपील की थी कि वे लाशों को इक_ा करें और उन्हें बैग में भर दें, क्योंकि तापमान लगातार कम होता जा रहा है। उन्होंने लोगों से कहा कि हम जानवर नहीं हैं। हमें ऐसा करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय लोगों से यह अपील ऐसे समय पर की है जब हजारों की तादाद में यूक्रेन के लोग रूसी सेना के हमलों में मारे गए हैं। मयकोलैव वह इलाका है, जब 24 फरवरी को रूसी सेना से सबसे पहले हमला बोला था। यहां रूसी सेना को यूक्रेनी सेना के जोरदार जवाबी कार्रवाई के बाद अपने टैंक आदि को छोड़कर वापस लौटना पड़ा था।

इस बीच नाटो ने दावा किया कि यूक्रेन में पिछले चार हफ्ते से जारी लड़ाई में रूस के 7000 से 15000 सैनिक मारे गए े हैं। इससे पहले रूस ने अफगानिस्तान में दस वर्षों में करीब 15000 सैनिक गंवाएं थे। इस तरह से रूस अब अफगानिस्तान युद्ध की तरह से नुकसान उठा रहा है। नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गठबंधन का यह आकलन यूक्रेन के अधिकारियों से मिली सूचना और खुले स्रोतों से जुटाई गई खुफिया सूचनाओं पर आधारित है, जिसे रूस ने जानबूझकर जारी किया या नहीं किया। यूक्रेन ने अपने सैन्य नुकसान के बारे में बहुत कम सूचना जारी की है और पश्चिमी देशों ने भी कोई आकलन नहीं दिया है। बहरहाल, दो सप्ताह पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके करीब 1300 सैनिक युद्ध में मारे गए हैं।