Rohit Sharma: श्रीलंका के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में टीम इंडिया ने भले ही जीत हासिल की है लेकिन रोहित शर्मा का एक फैसला काफी सुर्खियों में रहा। दासुन शनाका नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन रन आउट के अपील वापस लेने के बाद उनकी सराहना भी हो रही है तो कई लोग इस गलत भी मान रहे हैं।
कोलकाता: श्रीलंका के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला गुवाहाटी में खेला गया। इस मैच में भारत ने जीत हासिल कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। मैच में श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका टॉस जीतकर टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। इसके बाद विराट कोहली की शतक की मदद से भारत ने 373 रन बनाए। विराट के अलावा कप्तान रोहित शर्मा ने भी मैच में 83 रनों की पारी खेली जबकि शुभमन गिल ने 60 गेंद में 70 रनों का योगदान दिया।
लक्ष्य का बचाव करने उतरे टीम इंडिया के गेंदबाजों श्रीलंका को शुरुआती झटका देकर दबाव बना दिया। हालांकि लगातार गिरते विकेटों के बीच जब दासुन शनाका बल्लेबाजी के लिए उन्होंने एक छोर पर मोर्चा संभाल लिया। खेल आखिरी ओवर में पहुंच गया था लेकिन श्रीलंका से जीत काफी दूर थी लेकिन शनाका जरूर अपने शतक के करीब पहुंच गए थे। इस बीच श्रीलंकाई पारी के 49वें ओवर में शनाका को अपना शतक पूरा करने के लिए पांच रन की की जरूरत थी।
रन आउट हो गए थे शनाका
पारी के 50वें ओवर की पहली गेंद पर शनाका 2 रन लेने के बाद तीसरी गेंद पर भी उन्होंने एक रन लिया। अब क्रीज पर आ गए कसुन रजिता। टीम इंडिया रजिता को सिंगल नहीं देना चाहती थी। कप्तान रोहित शर्मा ने सारे फील्डर्स को सर्किल में बुला लिया था लेकिन शनाका स्ट्राइक पर जाना चाह रहे थे। अगली गेंद के लिए शमी ने दौड़ना शुरू किया और इस बीच गेंद डाले जाने से पहले ही शनाका ने क्रीज छोड़ दिया कि तभी शमी ने गेंद डालने की जगह नॉन स्ट्राइकर एंड पर उन्हें रन आउट कर दिया।
शमी की अपील पर मैदानी अंपायर ने फैसला थर्ड अंपायर को ट्रांसफर कर दिया। इस बीच रोहित शर्मा गेंदबाज के पास आते हैं। कुछ बात करते हैं और फिर अंपायर को अपील वापस लेने का इशारा करते हैं। अगली गेंद पर शनाका को स्ट्राइक मिल गई और चौका लगाकर उन्होंने शतक पूरा कर लिया लेकिन रोहित शर्मा ने अपील क्यों वापस ली? इस बाद में काफी चर्चा हुई।
क्या रोहित ने दिखाई खेल भावना?
मैच के बाद भारतीय कप्तान ने कहा कि शनाका शतक के करीब थे और वह उन्हें ऐसे आउट नहीं करना चाहते थे। खेल भावना दिखाने के लिए रोहित की सराहना तो हो रही है लेकिन सवाल यह उठता है कि बल्लेबाज कब तक खेल भावना का सहारा लेंगे? नॉन स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाज को रन आउट करने पर लंबे समय से विवाद हो रहा है। आईसीसी ने इसे पिछले साल ही स्पिरिट ऑफ गेम की कैटेगरी से भी बाहर कर दिया था। फिर भी जब गेंदबाज बल्लेबाज को ऐसे आउट करता है तो क्रिकेट जगत दो भागों में बंट जाता है। स्पिरिट ऑफ गेम की बात होने लगती है।
बल्लेबाज को जब पता है कि क्रीज से बाहर निकलने पर वह आउट हो सकते हैं। फिर भी वह बाहर निकलते हैं। फिर जब आउट होते हैं तो खेल भावना की बात शुरू हो जाती है। बल्लेबाजों की यह मनमानी कब तक चलेगी। वैसे भी क्रिकेट पर आरोप लगता है कि सभी नियम बल्लेबाजों को फायदा देने के लिए बनाए जाते हैं। जब गेंदबाज क्रीज से एक इंच बाहर से गेंद डालता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है और बल्लेबाज को फ्री हिट मिलता है।
ऐसे में बल्लेबाजों को गेंद डाले जाने से पहले क्रीज से नहीं निकला चाहिए या फिर निकलने के बाद विक्टिम कार्ड नहीं खेलना चाहिए। क्योंकि गेंदबाज क्रिकेट के नियम का पालन करते हुए बल्लेबाज को आउट करता है और यह खेल भावना के खिलाफ नहीं हो सकता।