Roshan Jacob: ये अधिकारी हैं कुछ अलग…अब ट्रैक्टर पर बैठीं और बाढ़ पीड़ितों का दर्द जानने पहुंचीं रोशन जैकब

Roshan Jacob Lakhimpur Flood Effected Area Visit: जब अधिकारी अपनी गाड़ियों उतर कर पीड़ितों का दर्द नहीं देख पाते। उस दौर में रोशन जैकब अपने कार्यों से हर बार लोगों का दिल जीत रही हैं। अबकी वे ट्रैक्टर पर बैठकर लखीमपुर खीरी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचीं।

लखीमपुर खीरी: ये वह दौर है, जहां साहेब लोगों की लाट साहेबी कम नहीं होती। उनके लिए जर्जर सड़क के बीच रास्ता बनाया जाता है। उन्हें रास्ता देने के चक्कर में ई-रिक्शा पलटती है। लोग दबते हैं। चीखते हैं। दर्द हर कोई सुनता है। दौड़ता है। लेकिन, लाट साहबों के कान तक आवाज कहां पहुंच पाती। इस निर्मम होती नौकरशाही में रोशन जैकब उम्मीद जगाती है। दर्द दिखाती हैं। उन्हें महसूस करती हैं। उसे जीती हैं। दर्द से जुड़कर उसे दूर करने का प्रयास करती हैं। कभी अस्पताल में भर्ती बच्चे को देख भावुक होती है तो कभी रात के 3 बजे जगकर भारी बारिश के चपेट में आती राजधानी के लोगों को राहत देने के लिए अफसरान को झकझोड़ती हैं। जगाती है और काम पर लगाती हैं।

लखनऊ रेंज की मंडलायुक्त रोशन जैकब इस समय चर्चा में लखीमपुर खीरी में बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे को लेकर हैं। अमूमन अधिकारी प्रभावित इलाकों में वहीं तक जाते हैं, जहां तक उनकी गाड़ी पहुंचती है। इसके बाद का जिम्मा मातहतों का होता है। लेकिन, रोशन जैकब खुद उन इलाकों तक पहुंचीं, जहां पर सामान्य वाहनों से नहीं जाया जा सकता। इसके लिए उन्हें ट्रैक्टरों पर चढ़ना था, तो उन्होंने इससे संकोच नहीं किया। बेधड़क चढ़ गईं। इसके बाद अन्य अधिकारियों को पीछे-पीछे आना ही पड़ा। उन लोगों के दर्द से जुड़ना ही पड़ा, जहां तक राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी है।

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ट्रैक्टर और मोटर बोट से किया निरीक्षण
रोशन जैकब ने ट्रैक्टर और मोटर बोट से पूरे इलाके का निरीक्षण किया। ग्रामीणों के बीच पहुंचीं। उनका हालचाल जाना। प्रभावित लोगों के बीच चल रहे राहत वितरण कार्यक्रम की समीक्षा की। उनके साथ डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और सीडीओ अनिल कुमार सिंह भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में गए। जहां तक ट्रैक्टर से जाया जा सकता था, वहां तक की यात्रा इससे पूरी की। इसके बाद मोटरबोट का सहारा लिया। मीलपुरवा में उन्हें मोटरबोट का सहारा लेना पड़ा। एनडीआरएफ के मोटरबोट पर सवार होकर रोशन जैकब और अन्य अधिकारी जगन्नाथपुरवा के कई बाढ़ से काफी प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।

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ग्रामीणों को दिया हर संभव मदद का भरोसा
कमिश्नर ने ग्रामीणों का दुख देखा और सुना। हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। कमिश्नर ने कहा कि मैं लखनऊ से आपका हाल जानने ही आई हूं। कमिश्नर ने पूछा कि क्या आप लोगों को भोजन और राहत सामग्री मिल रही है? इस पर ग्रामीणों ने हामी भरी। बिजली सप्लाई बाधित होने की शिकायत की गई। इस पर कमिश्नर ने बिजली विभाग के अधिकारियों को कारण बताने को कहा। विभागीय अधिकारियों ने लोकल फॉल्ट को कारण बताया। इस पर शाम तक उसे दुरुस्त कर बिजली की सप्लाई शुरू कराने का आदेश दिया।

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कमिश्नर और डीएम ने ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर मंगलीपुरवा, गूम, करदहिया, जंगल नंबर 11 सहित इलाकों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की। अधिकारियों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद कटान के कारण प्रभावित हुए बेघरों को बसाने के लिए विशेष निर्देश दिए।

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लखीमपुर में बच्चे का दर्द देख निकले थे आंसू
लखमीपुर अस्पताल में एक बच्चे का दर्द देख कमिश्नर रोशन जैकब के आंखों से आंसू निकलने लगे थे। वे लखीमपुर में बस और ट्रक की टक्कर में 10 लोगों की मौत के बाद घायलों का हालचाल जानने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने देखा था कि एक बच्चे का इलाज चल रहा है। उसकी मां सुबक रही थी। बारिश के कारण बच्चे के घर की दीवार गिरने से उसके रीढ़ की हड्‌डी टूट गई थी। कमिश्नर ने बच्चे का बेहतर इलाज का निर्देश दिया था। वहीं, लखनऊ में 15-16 सितंबर को हुई बारिश के दरम्यान कमिश्नर रात के 3 बजे से ही ऐक्टिव हो गई थीं।