लॉकडाउन में सबसे बड़ी समस्या रही ग़रीब और बेसहारा लोगों को हर दिन खाना उपलब्ध करवाना. सरकार से लेकर आम नागरिक बढ़-चढ़ कर इसमें मदद कर रहे हैं. ऐसी ही कोशिश में लगा हुआ है नोएडा का एक रोटी बैंक.
कहां से आया रोटी बैंक का Idea (Noida Roti Bank)
नोएडा की सोसाइटी में मौजूद घरों से रोटी जुटाकर यह बैंक लोगों की भूख मिटाने का काम कर रहा है. NBT की रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार की शाम बैंक ने 45 हजार रोटियां और छह हज़ार के करीब पूरियां जुटाई. नोएडा प्राधिकरण के प्रोजेक्ट इंजीनियर मुकेश वैश्य ने ब्रजेश और अमित गुप्ता के सामने रोटी बैंक का आईडिया दिया, जिस पर बातचीत के बाद लोगों ने सहमति दे दी और यह आईडिया काम कर गया.
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यह रोटियां नोएडा के विभिन्न सेक्टरों की लगभग 42 सोसायटी व आवासीय सेक्टरों के तकरीबन 10 हज़ार घरों में बनती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़, इस रोटी बैंक ने 25 दिन में 5 लाख रोटी की संख्या पार कर ली है. यह काम 12 अप्रैल से शुरू हुआ था. इन रोटियों को सामुदायिक किचन के ज़रिये लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.
पहले दिन सेक्टर 78 से 400 रोटियां बनकर आईं थी, जो अब लाखों तक पहुँच गयी है. NBT से बात करते हुए प्रोजेक्ट इंजीनियर ए. रावल ने कहा कि कई घरों ने इस दौर में रोटियां बनाना बंद कर ब्रेड से काम चलाना शुरू कर दिया था.
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ऐसे में जब रोटियां बनाकर बैंक करने का कांसेप्ट आया, तो उन घरों में भी रोटियां बनने लग गईं. शहर की 42 सोसायटी व अन्य सेक्टरों से रोटियों को जमा करने के लिए टेम्पो और ई-रिक्शे के ज़रिये शाम चार बजे निकलते हैं और सोसाइटी के मेन गेट से रोटियां ले लेते हैं. इन रोटियों को कम्युनिटी किचन के ज़रिये लोगों में बांट दिया जाता है.