Varanasi News: वाराणसी के रहने वाले जिल्लू यादव लगभग 70 वर्ष के थे। उन्हें मंगलवार को सीने में तेज दर्द और बेचैनी महसूस हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन का समाचार मिलते ही उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के गोसाईपुर मोहाव गांव के रहने वाले जिल्लू यादव लगभग 70 वर्ष के थे। उन्हें मंगलवार को सीने में तेज दर्द और बेचैनी महसूस हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन का समाचार मिलते ही उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
बताते हैं, अजमल आमिर कसाब से सीधे टक्कर लेने वाले जिल्लू यादव को इस बात का बेहद पछतावा था कि उस वक्त उनके हाथ में कोई बंदूक नहीं थी। जिससे वह वहीं कसाब को ढेर कर सकते। हालांकि जब बाद में कसाब को फांसी हुई तो उस पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की थी।
बता दें, 26/11 हमले के दौरान जिस वक्त आतंकी मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर अपनी ऑटोमैटिक एके-47 से गोलियां बरसा रहे थे। उस वक्त जिल्लू यादव ने डंडे के बल पर इन सभी को खदेड़ा था, और कसाब से सीधे टक्कर ली थी। उस वक्त जिल्लू यादव ने अपने साथी जीआरपी के जवान से बंदूक की मैगजीन खाली होने के बाद उसे फिर से लोड़ कर कसाब पर फायर करने को कहा था। लेकिन, जब जीआरपी जवान हिम्मत नहीं जुटा पाया तो जिल्लू ने राइफल लेकर आतंकियों पर खुद फायर किया था। लेकिन, बाद में राइफल जाम होने के चलते वे आतंकियों को ढेर नहीं कर सके, और इस बात का जिल्लू को हमेशा मलाल रहा कि वे कसाब को अपने हाथों से उसके किए की सजा उसे न दे सके।