सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण लाभ मामले में केंद्र सरकार को अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। इस बीच आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि हिंदू अगर धर्म परिवर्तन करते हैं तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। वहीं विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने ईसाई धर्म अपनाने वाले अनुसूचित जाति (ST) और अनुसूचित जनजाति (ST) हिन्दुओं को पहले मिल रहे आरक्षण का लाभ धर्मपरिवर्तन के बाद ना मिले यह सुनिश्चित करने की मांग बुधवार को केन्द्र सरकार से की है।
‘चीन और जापान जैसी स्थिति हुई तो भी ठीक नहीं होगा’
होसबले ने आगे कहा कि देश में युवाओं और बुजुर्गों का अनुपात भी सही होना चाहिए। चीन और जापान जैसी स्थिति हुई तो भी ठीक नहीं होगा। संघ हर जिले में कम से कम एक गांव का चयन कर उसके विकास में मदद करेगा। रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन रोकना होगा। युवाओं को गांव में ही स्किल्ड बनाकर रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। संघ के कार्यकर्ता इसमें मदद करेंगे। स्वदेशी जागरण मंच और उद्योग भारत की मदद से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। स्वावलंबी योजना के तहत गांव-गांव में रोजगार के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।
धर्म परिवर्तन के बाद नहीं मिलना चाहिए आरक्षण का लाभ : विहिप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ईसाई धर्म अपनाने वाले अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) हिन्दुओं को पहले मिल रहे आरक्षण का लाभ धर्मपरिवर्तन के बाद ना मिले यह सुनिश्चित करने की मांग बुधवार को केन्द्र सरकार से की है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि जो लोग धर्मांतरण के बाद ईसाई बन गए हैं, वे अब भी दस्तावेजों में अपने हिंदू नाम और क्रेडेंशियल का उपयोग कर रहे हैं और एससी/एसटी की श्रेणी में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बंद होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विहिप आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर जन जागरूकता अभियान चलाएगी। विहिप के प्रवक्ता ने कहा, ‘केंद्र सरकार को एक योजना बनानी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए एक सर्वेक्षण करना चाहिए कि एससी/एसटी समुदाय के जिन लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है, उन्हें एससी/एसटी श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ ना मिले।’ विहिप के स्थानीय प्रवक्ता प्रभात शर्मा ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं जहां एससी/एसटी समुदाय के लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया लिया है लेकिन दस्तावेजों में नाम और अन्य क्रेडेंशियल नहीं बदले और उसके आधार पर उन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा है जो गलत है और इसे रोका जाना चाहिए।