देहरा. हिमाचल प्रदेश में भाजपा सत्तार से बाहर हो गई है. चुनाव में कांग्रेस ने उसे मात दी है और अब सरकार का गठन हो गया है. कांगड़ा के देहरा के जलशक्ति विभाग रेस्ट हाउस में बीजेपी की हार का महा मंथन हुआ है. देहरा से बीजेपी के उम्मीदवार रमेश धवाला की अगुवाई में बीजेपी मंडल और कई नेता मंथन में मौजूद रहे. इस दौरान कार्यकर्ता धवाला और चुनाव में हार के लिए जयराम ठाकुर को दोषी ठहराते नजर आए. उनका कहना था कि जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते देहरा में बीजेपी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिस विधायक की जयराम ठाकुर ने पैरवी की, वह आज कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं.
देहरा के जलशक्ति विभाग रेस्ट हाउस में लगभग तीन घंटे चले हार पर मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकला की अपने ही लोगों ने भीतरघात किया है. इस बैठक में कई नेता नदारद भी रहे, जो आए उन्होंने अपने दिल की बात खुलकर सामने रखी. यहां रमेश धवाला ने भी अपनी बात रखी. धवाला ने ज्वालामुखी में रविंद्र सिंह रवि की हार का जिम्मेदार संगठन को ठहराया.
धवाला ने कहा कि मेरा ज्वालामुखी में काडर वोट 20 हजार है. वहीं कार्यकर्ता अपनी हार के लिए भीतरघात को भी जिम्मेदार ठहराते रहे. रमेश धवाला ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार के लिए खुद जयराम ठाकुर दोषी हैं, उन्हें ओपीएस के मुद्दे पर गंभीर होकर अपने दृष्टिपत्र में जोड़ना चाहिए था.
रमेश धवाला को चुनावों के दस दिन पहले ही ज्वालामुखी से देहरा भेज दिया गया था. देहरा से रविंद्र सिंह रवि को ज्वालामुखी भेजा गया. देहरा में धवाला की लोगों से जनपहचान न होना भी हार की बड़ी वजह रही. यहां निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने लगातार दूसरी मर्तबा निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास बना दिया. वहीं देहरा में बीजेपी को दूसरी बार हार पर मंथन करने पर मजबूर कर दिया, रमेश धवाला की संगठन मंत्री पवन राणा से 36 का आंकड़ा भी रहा है, जिस वजह से पीछले पांच साल जयराम सरकार ने रमेश धवाला को हाशिए पर रखा.
जवालामुखी से लड़ते थे चुनाव
धवाला बीते चुनाव में जवालामुखी से लड़े और जीते थे. लेकिन इस बार उनकी सीट बदली गई और उन्हें देहरा भेजा गया. यहां से उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी और मौजूदा विधायक होशियार सिंह ने मात दी. होशियार सिंह लगातार दूसरी बार आजाद चुनाव लड़े और जीते.