मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गृह सचिव और डीजीपी को घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दिया है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कल्लाकुरिची जिला प्रशासन ने 31 जुलाई तक कल्लाकुरिची तालुक और कुछ और इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी। कल्लाकुरिची कलेक्टर श्रीधर ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है और लोगों से हिंसा में शामिल नहीं होने का अनुरोध किया है।
इस बीच तमिलनाडु के गृह सचिव के फणींद्र रेड्डी और डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने रविवार शाम कल्लाकुरिची जिले में चिन्ना सलेम के पास कनियामूर का दौरा किया। टीम ने निजी स्कूल परिसर का निरीक्षण किया जहां प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों में आग लगा दी और स्कूल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि छात्रा की मौत से संबंधित मामले को सीबी-सीआईडी को दे दी गई है। सिलेंद्र बाबू ने कहा, ‘हिंसा में करीब 52 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हमने स्कूल संवाददाता रविकुमार, सचिव शांति और प्रिंसिपल शिवशंकरन को गिरफ्तार किया है। हिंसा के लिए 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’
13 जुलाई को हुई थी छात्रा की मौत
कल्लाकुरिची के चिन्नासलेम में एक निजी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा 13 जुलाई को मृत पाई गई थी। छात्रा छात्रावास की तीसरी मंजिल पर रहती थी। माना जा रहा है कि उसने तीसरी मंजिल से कूदकर ही अपनी जान दे दी। छात्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कथित रूप से सामने आया कि छात्रा की मौत से पहले उसके शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। छात्रा की मौत के बाद उसके परिजन, रिश्तेदार और उसके गांव पेरिवानासालुर के लोग न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने छात्रा की मौत की जांच सीबी-सीआईडी से कराने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।।
कलेक्टर श्रीधर ने कहा, ‘हमें संदेह है कि कुछ उग्र तत्व प्रदर्शनकारियों के साथ मिल गए और स्कूल बसों और पुलिस बस में आग लगा दी। उन्होंने स्कूल परिसर में तोड़फोड़ की।’प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए, लड़की के माता-पिता ने उनसे हिंसा में शामिल न होने का अनुरोध किया। सिलेंद्र बाबू ने छात्रों को हिंसा में शामिल होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।