हिमाचल में सेब खरीद करने वाली निजी कंपनियों के लिए बनेंगे नियम

संयुक्त किसान मंच की शिकायतों के बाद कमेटी ने निजी कंपनियों को सेब खरीद में पारदर्शिता लाने के सख्त निर्देश दिए। इतना ही नहीं, कंपनियों को अग्रिम घोषणा कर बताना होगा कि एक हफ्ते में वह कितना सेब खरीद करने में सक्षम हैं।

सेब (फाइल फोटो)

हिमाचल प्रदेश में सेब खरीद करने वाली निजी कंपनियों के लिए नियम-कानून बनाए जाएंगे। शुक्रवार को सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कमेटी ने किसान-बागवान संगठनों से 10 दिन के भीतर इसे लेकर सुझाव मांगे हैं। संयुक्त किसान मंच की शिकायतों के बाद कमेटी ने निजी कंपनियों को सेब खरीद में पारदर्शिता लाने के सख्त निर्देश दिए। इतना ही नहीं, कंपनियों को अग्रिम घोषणा कर बताना होगा कि एक हफ्ते में वह कितना सेब खरीद करने में सक्षम हैं। कमेटी के निर्देशों का पालन न करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करने का भी निर्णय लिया गया है।

निजी कंपनियों को सीए स्टोर स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध कराने के अलावा सरकार की ओर से कई रियायतें दी गई हैं। इसलिए कंपनियों को सरकार के दिशा निर्देशों का हर हाल में पालन करना होगा। हर 2 से 3 दिन के बाद सेब खरीद के दाम गिराने और मनमाने तरीके से सेब खरीद बंद करने पर भी कंपनियों को कमेटी ने फटकार लगाई है। कमेटी ने कंपनियों को सरकार की ओर से निर्धारित वजन और रंग के मापदंडों पर ही सेब खरीद करने के निर्देश दिए हैं।

सरकार के निर्देशों पर सेब खरीदने वाली निजी कंपनियों के लिए टर्म एंड कंडीशन निर्धारित करने का फैसला लिया है। बागवान संगठनों से 10 दिन में सुझाव मांगे गए हैं। कंपनियों को सेब खरीद में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं, मनमानी करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी होंगे। – राजेश्वर सिंह चंदेल, अध्यक्ष, हाई पावर कमेटी

निर्देशों का पालन न करने वालों को जारी होंगे नोटिस

हाई पावर कमेटी की ओर से जारी निर्देशों का पालन न करने वाली निजी कंपनियों को नोटिस जारी होंगे। बैठक में शामिल न होने वाली कंपनियों और सेब खरीद मूल्य जारी करने में मनमानी करने वालों से भी जवाब तलब किया गया है।

सरकार को चुनौती देने वाली कंपनी पर की जाए कार्रवाई : मंच

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा है कि अदाणी कंपनी सरकार को चुनौती दे रही है। मनमानी करने वाली कंपनी पर कार्रवाई की जानी चाहिए। निजी कंपनियों के लिए नियम कानून बनाने के फैसले को संयुक्त किसान मंच ने किसान बागवान आंदोलन की जीत करार दिया है। कहा है कि मंच के 27 घटक संगठनों से विचार-विमर्श कर कमेटी को नियम कानून बनाने के लिए सुझाव दिए जाएंगे।

अदाणी ने दो दिन के लिए सेब खरीद बंद करने का किया एलान

सेब खरीद कर रही निजी कंपनी अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड ने अगले 2 दिनों के लिए अपने सीए स्टोर पर सेब खरीद बंद करने का एलान कर दिया है। बाकायदा स्टोर के बाहर इसे लेकर नोटिस चस्पां कर दिए गए हैं। बागवानों से सेब न भेजने की अपील की गई है। मार्केट में सेब के दाम गिरने के बाद अदाणी की ओर से भी सेब खरीद बंद करने से बागवानों की दिक्कत बढ़ गई है। मौजूदा समय में मंडियों में सेब के दामों में भारी गिरावट चल रही है, विकल्प के तौर पर बागवान अपना सेव अदाणी को बेच रहे थे, लेकिन अब अदाणी ने भी सेब खरीद से इनकार कर दिया है।

अदाणी के प्रवक्ता ने बताया कि मौजूदा समय तक कंपनी 12,000 टन सेब खरीद कर चुकी है, अन्य कंपनियों द्वारा सेब खरीद शुरू न करने और मंडियों में सेब के रेट गिरने से अदाणी के स्टोर पर सेब की आमद बहुत अधिक बढ़ गई है। अधिक मात्रा में सेब खरीद कंपनी की क्षमता से बाहर है। दो दिन बाद ताजा हालात देखकर दोबारा से खरीद शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा। अदानी एग्रो फ्रेश लिमिटेड ठियोग के सैंज, कुमारसेन के बिथल और रोहडू के मेहंदली में सेब खरीद कर रहा है। संयुक्त किसान मंच ने बार-बार सेब खरीद बंद करने और दाम गिराने के नीति को अदाणी समूह की तानाशाही करार दिया है। मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा है कि अदाणी मनमानी कर रहा है और सरकार मौन बैठी है। अदाणी को इसका जवाब दिया जाएगा। स्टोर से सेब बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा।